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लखनऊ ।। गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत के बाद अब वाराणसी में भी इस तरह का मामला सामने आया है। लापरवाही के चलते वाराणसी के अस्पताल में कई मरीज़ों की मौत की बात सामने आयी है। जाँच में पता चला है कि अस्पताल में मरीज़ों को ऑक्सीजन की जगह ऐसी गैस दी गयी थी जो इतनी जहरीली थी कि इसकी वजह से मरीजों की मौत हो गयी।

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ये घटना बीते 6 और 7 जून में हुई 20 मौतों से सम्बंधित है जिसका खुलासा अब जाकर हुआ है। ये मामला बीएचयू के सर सुन्दरलाल अस्पताल का है। जिसकी जाँच के बाद ये पता चला है कि मरीज़ों को ऑक्सीजन नहीं बल्कि कोई दूसरी गैस दी जा रही थी। मृतकों के परिजनों की शिकायत पर प्रशासन ने मामला को दर्ज कर जांच बैठाई गयी थी।

जाँच में यह बात सामने आयी कि इस अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी के लाइसेंस तक नहीं था। चूँकि ये कंपनी इलाहाबाद से भाजपा के विधायक हर्षवर्धन बाजपेयी की है इसलिए इस मामले को मीडिया ने भी तूल नहीं दिया। जाँच में यह खुलासा हुआ है कि मरीजों को ऑक्सीजन की जगह नाइट्रस ऑक्साइड गैस दी जा रही रही थी जिसके कारण 20 मरीजों की मृत्यु हो गयी थी। जबकि अस्पताल प्रबंधन ने मात्रा तीन मौतों की ही पुष्टि की थी

इस मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यूपी के स्वास्थ्य विभाग को जांच सौंप दी है और साथ ही कोर्ट ने अस्पताल से यह जवाब भी माँगा है कि उसने उस कंपनी से ऑक्सीजन की सप्लाई क्यों ली, जिसके पास ऑक्सीजन प्रोडक्शन का लाइसेंस ही नहीं था।

फोटोः फाइल

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