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विरोध कर रहे पहलवानों की महापंचायत को लेकर बीजेपी नेता बृजभूषण सिंह ने करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि मैं अपने आपको कुश्ती से अलग रखूंगा जब तक ये मामला पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता। एक जांच कमेटी खेल मंत्रालय के नेतृत्व में बनती है और एक ओलंपिक के नेतृत्व में बनती है इन खिलाड़ियों ने उस कमेटी के रिपोर्ट के आने का इंतजार नहीं किया और फिर धरने पर बैठ गई।

बृजभूषण ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद मेरे ऊपर एफआईआर लिखी गई। मैं कुछ नहीं बोला। छह छह घंटे लगातार पुलिस ने मुझको बैठा करके पूछताछ की। मगर मैं कुछ नहीं बोला जो मुझे कहना था कहा। इन्हीं खिलाड़ियों ने लगातार नार्को टेस्ट की मांग कर रहे थे। मैं शुरू में बोलना नहीं चाहता था। लेकिन जब हमारे बुजुर्ग। जो हरियाणा के हैं। जो खाप पंचायत के सदस्य हैं। जब मैंने देखा कि बुजुर्गों ने भी यह बात उठाई। ब्रजभूषण सिंह का नार्को टेस्ट होना चाहिए। मैने उन बुजुर्गों के सम्मान में उनका सम्मान करते हुए मैंने कहा कि मैं नार्को टेस्ट के लिए तैयार।

उन्होंने आगे कहा कि मैं कहना चाहता हूं। अब मैं क्या करूं? मैं जांच के लिए तैयार। मैं नार्को के लिए तैयार। मैंने किसी कमेटी पर कोई सवाल नहीं उठाए। इनके स्टेण्ड निरंतर बदलते जा रहे हैं। और मुझे न्यायालय पर भरोसा है। दिल्ली पुलिस की जांच पर भरोसा है। और हम कहना चाहते हैं कि प्रत्येक देशवासी को हमारी न्यायिक प्रक्रिया जो है, उस पर भरोसा करना चाहिए। 

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