दुनियाभर में कोरोना का कहर कम नहीं हो रहा है लेकिन इसके साथ ही कई देशों के बीच तनाव भी बढ़ते जा रहा है. आपको बता दें कि चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने अमरीका को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता है तो चीन अपने विदेशी मुद्रा भंडार की यूएस ट्रेज़री को घटा कर अमरीका के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है.
आपको बता दें कि अख़बार लिखता है कि चीन अपने एक ट्रिलयन डॉलर से ज़्यादा के यूएस बॉन्ड्स को सामान्य परिस्थितियों में 800 बिलियन डॉलर तक कम कर सकता है. लेकिन स्थितियों के चरम तक पहुंचने पर चीन सभी अमरीकी बॉन्ड्स को बेच सकता है जैसे सैन्य टकराव की स्थिति में.
वहीँ चीन और अमरीका के बीच जुलाई 2018 में व्यापार युद्ध शुरुआत हुई थी. गौरतलब है कि उस दौरान दोनों देशों ने एक-दूसरे पर जमकर टैरिफ लगाया और कई चेतावनियां दीं. आपको बता दें कि इसके बाद धीरे-धीरे स्थितियां सामान्य हुईं और बातचीत का दौर शुरू हुआ.
आपको बता दें कि चीन के पास इस समय दुनिया में सबसे ज़्यादा 3.15 ट्रिलियन डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है. गौरतलब है कि यूएस बॉन्ड्स रखने के मामले में चीन दुनिया का दूसरा बड़ा देश है. लेकिन, हाल के सालों में चीन ने अपने यूएस बॉन्ड्स को घटाना शुरू कर दिया है.
विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां हैं ताकि जरूरत पड़ने पर वह अपनी देनदारियों का भुगतान कर सकें. वहीँ यूएस बॉन्ड एकसाथ बेचने पर अमरीका में चीन का निवेश कम हो जाएगा और इसका सीधा असर अमरीका में निवेश के माहौल पर पड़ेगा. जिन सेक्टर्स में चीन का निवेश होगा उन पर नकारात्मक प्रभाव होगा.
इसके साथ ही अमरीका में निवेशकर्ताओं का भरोसा कम हो जाएगा. उन्हें माहौल अस्थिर और तनावपूर्ण लगने लगेगा.” अमरीका के लिए ये बॉन्ड्स एक तरह की देनदारी हैं. बता दें कि अगर चीन इन्हें एक साथ बेचता है तो अमरीका को बड़े स्तर पर इसका भुगतान करना होगा