महाराष्ट्र में बड़ा उलटफेर : उद्धव ने दिया ऐसा बयान कि खतरे में पड़ी CM की कुर्सी, ये पार्टी करने जा रही ऐसा

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मुंबई। अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस से संबंधित मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बयान के बाद महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार से समाजवादी पार्टी (सपा) का मोहभंग हो गया है। एमवीए सरकार को बिना शर्त समर्थन देने वाले सपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक अबू आसिम आजमी ने गुरुवार को कहा कि वह सरकार से समर्थन वापसी पर विचार कर रहे हैं और जल्द ही इस पर फैसला लेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार के मुस्लिम मंत्रियों को अपना पद छोड़ देना चाहिए।
Uddhav Thackeray in tension

अयोध्या का बाबरी मस्जिद शिवसैनिकों ने गिराया था

आजमी ने पत्रकारों से कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार को उन्होंने कामन मिनिमम प्रोग्राम के तहत सरकार चलाने के लिए समर्थन दिया था। मुख्यमंत्री ठाकरे राज्य में इसी आधार पर काम कर रहे थे लेकिन बुधवार को मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा कि अयोध्या का बाबरी मस्जिद शिवसैनिकों ने गिराया था। आजमी ने कहा कि उद्धव ठाकरे शिवसेना के अध्यक्ष हैं लेकिन यह भूल गए कि वे महाविकास आघाड़ी सरकार के मुख्यमंत्री भी हैं। सरकार जिस आधार पर बनी है और अब उससे हटकर मसजिद एवं मंदिर के मुद्दे पर चलने लगी है। इसलिए हमें समर्थन वापसी पर विचार करना पड़ रहा है।

भाजपा बोली

उधर, भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने कहा कि आजमी के बयान से महाविकास आघाड़ी सरकार में मतभेद बढ़ गया है। इससे पहले जब हम महाविकास आघाड़ी सरकार के बारे में चल रहे अंतर्विरोध पर बोलते थे तो यह लोग हम पर सरकार गिराने के प्रयास का आरोप लगा रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार अपने आप गिर जाएगी।

सपा के अलग होने से नहीं पड़ेगा फर्क

उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में सपा के दो सदस्य हैं। सपा यदि एमवीए सरकार से समर्थन वापस लेती है तो भी सरकार की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। एमवीए के घटक दलों- शिवसेना के 56, राकांपा के 54 और कांग्रेस के 44 विधायक हैं। मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायकों की संख्या 105 है।
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