भाजपा की राजनीति के हर दांवपेच की तो तारीफ ही करनी होगी। पार्टी के रणनीतिकार दिल्ली से ही 24 घंटे प्रत्येक राज्यों की गतिविधियों पर नजर रखते हैं । नवरात्रि आने की जैसे ही आहट हुई तो भाजपा को ममता बनर्जी की याद आ गई । ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की आंखों में पिछले दो वर्षों से बंगाल बसा हुआ है’ ।
नवरात्रि आने में अब एक सप्ताह ही बचा है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने पश्चिम बंगाल में डेरा डाल लिया है । ‘पिछले वर्ष जब से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नवरात्रि पर शोभायात्रा निकालने पर प्रतिबंध लगाया था तब से ही भाजपा बंगाल में हिंदुओं को एकजुट करके ममता दीदी पर हमलावर है’ ।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी और अमित शाह ने मुख्यमंत्री ममता को लेकर हिंदुओं पर हमले को लेकर सीधी चुनौती दी थी । हालांकि ममता भी पीएम मोदी और अमित शाह की ललकार पर पलटवार करती रहीं हैं। ‘इस बार नव दुर्गे पर मोदी और अमित शाह एक बार फिर तृणमूल कांग्रेस की मुखिया और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से आर-पार की लड़ाई के मूड में आ गए हैं ।
इन दिनों राजधानी कोलकाता में भाजपा नेताओं और ममता बनर्जी के बीच पिछले दो दिनों से सड़कों पर सियासत का महाजंग चल रहा है’ । यहां हम आपको बता दें कि अगले साल बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं । उससे पहले भाजपा बंगाल में ममता बनर्जी के खिलाफ हिंदुओं को एकजुट करना चाहती है ।
कभी सड़क पर संघर्ष की राजनीति करके सत्ता साधने वाली मुख्यमंत्री ममता अब सड़क पर हो रहे भारतीय जनता पार्टी के मार्च से बौखलाई है। ‘कोलकाता का राजनीतिक तापमान पहले ही हाई था अब भाजपा नेताओं की हुंकार के बाद और चढ़ गया है’ । भारतीय जनता युवा मोर्चा के नवनियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष व बेंगलुरु से सांसद तेजस्वी सूर्या ने हावड़ा मैदान से नबन्ना रैली का नेतृत्व किया।
(बता दें कि नबन्ना ममता बनर्जी का निवास स्थान है ) जिसके चलते कोलकाता थम गया और हावड़ा ब्रिज जाम कर दिया गया था । बंगाल भाजपा के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय, अर्जुन सिंह, लॉकेट चटर्जी और मुकुल रॉय समेत भाजपा के कई वरिष्ठ नेता विरोध मार्च में शामिल थे।
‘सही मायने में यह विरोध रैली पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से हटाने की भाजपा की रणनीति का एक हिस्सा है’। बता दें कि राज्य में अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं, भाजपा ने अभी से ही ममता का सिंहासन हिलाने के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है । दूसरी ओर ममता बनर्जी सरकार ने बीजेपी के नबन्ना चलो अभियान पर कड़ा रवैया अपनाया ।
ममता के आदेश के बाद कोलकाता पुलिस ने बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव कैलाश विजयवर्गीय, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय, सांसद लॉकेट चटर्जी, अर्जुन सिंह, राकेश सिंह, बीजेपी नेताओं भारती घोष और जयप्रकाश मजुमदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। भाजपाइयों पर केस दर्ज होने के बाद केंद्रीय आलाकमान ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक बार फिर चुनौती दी है ।
पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमित शाह अभी से ही सक्रिय हो गए हैं । मौका है इस बीच बंगाल की प्रसिद्ध दुर्गा पूजा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को घेरने का । पीएम मोदी 22 अक्टूबर को बंगाल की जनता को वर्चुअल रैली से संबोधित करेंगे । यहां हम आपको बता दें कि उस समय बंगाल में नवदुर्गा का उत्सव पीक पर रहता है ।
बंगाल में दुर्गा पूजा 21 अक्टूबर को अकाल बोधन के साथ शुरू होगी और फिर 25 अक्टूबर या विजयादशमी तक जारी रहेगी। षष्ठी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है, बंगालवासी भी दुर्गा उत्सव के मूड में होते हैं। बंगाल भारतीय जनता पार्टी के प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने पिछले कई दिनों से कोलकाता में डेरा डाल रखा है ।
गृहमंत्री अमित शाह 17 अक्टूबर को, जिस दिन नवरात्रि शुरू हो रही है उसी दिन पश्चिम बंगाल जा रहे हैं । पिछले वर्ष भी अमित शाह नवरात्रि में बंगाल गए थे। इस बार अमित शाह कोरोना से ठीक होने के बाद पहली बार दूसरे राज्य में जा रहे हैं । ‘शाह की बंगाल यात्रा का मुख्य उद्देश्य अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी की जमीन तैयार करना है’ ।
‘ममता को घेरने के लिए भाजपा को नवरात्रि से अच्छा समय और नहीं मिल सकता, क्योंकि बंगाल की मुख्यमंत्री दुर्गा पूजा शोभायात्रा के विरोध में दिए गए बयान पर हिंदू वर्ग का एक धड़ा तभी भी बेहद नाराज है’। बता दें कि बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में 42 सीटों में से 18 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी नेताजी से विधानसभा चुनाव के लिए सही मायने में तैयारी शुरू कर दी थी।