सीमा सुरक्षा बल (Bsf) देश की सुरक्षा करने के साथ ही समय समय पर अपने इंसानियत की मिसाल पेश करता रहा है। राजस्थान के बाड़मेर से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक नाबालिग के गलती से प्रवेश कर जाने पर BSF के जवानों ने न सिर्फ मानवीय पहलू की बानगी पेश की बल्कि उस बच्चे को सकुशल उसके मुल्क भी विदा कर दिया।
दरअसल, बीते शुक्रवार की शाम भारत-पाकिस्तान की राजस्थान के बाड़मेर से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक पाकिस्तानी नाबालिग गलती से प्रवेश कर गया। रास्ता भूल जाने के कारण नाबालिग जोर-जोर से रोने लगा जिसकी आवाज सुनकर Bsf के 83 बटालियन के जवान पहुंचे और बच्चे से बात-चीत करने के बाद पाकिस्तानी जवानों को इसकी सूचना दी । उसके बाद करीब दो घंटे बात-चीत करने के बाद BSF ने नाबालिग को सही सलामत पाकिस्तान के जवानों को सौंप कर मानवीयता का परिचय दिया।
Bsf के प्रवक्ता कृष्णा राव ने शनिवार को जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार देर शाम करीब सात बजे पाकिस्तान से लगती बाड़मेर जिले की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक आठ वर्षीय बच्चे की रोने की आवाज सुनकर बीएसएप के जवानों ने उसे पकड़ा। वह भारतीय सीमा में सीमा चौकी सामरोद बीओपी (बॉर्डर प्वाइंट 889/1) पर पहुंच गया था। शुरूआती पूछताछ में बच्चे ने अपना नाम अब्दुल (बदला हुआ नाम) बताया और कहा कि वह पाकिस्तान के थारपारकर जिले के नागरपारकर तहसील का रहने वाला है।
प्रवक्ता के अनुसार, Bsf के जवानों ने प्यार से बच्चे से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह गलती से सीमा पार कर भारत में आ गया। BSF जवानों ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दी। उसके बाद पाकिस्तानी जवानों को इसके बारे में इत्तला किया। इस बीच BSF के जवानों ने बच्चे को पानी पिलाया और उसे भोजन करवाया। BSF ने दो घंटे पाकिस्तान जवानों के साथ फ्लेग मीटिंग कर बच्चे को सही सलामत पाकिस्तान को सौंप दिया।
Bsf के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, भारत की पश्चिमी क्षेत्र में राजस्थान कि पश्चिमी हिस्से में चार जिलों की सीमाएं बॉर्डर से जुड़ी हुई है ,जो कि पाकिस्तान का अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर बनाती है। राजस्थान राज्य के बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर और गंगानगर की सीमाएं पाकिस्तान से जुड़ी हुई है, जिनमें सबसे ज्यादा जैसलमेर जिले की 464 किलोमीटर सीमा पाकिस्तान से जुड़ी है। वहीं बाड़मेर जिले की 228 किलोमीटर की सीमा पाकिस्तान से जुड़ी हुई है।