
वाराणसी में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 54 साल पुराना ताजिए से जुड़ा विवाद आखिरकार सुलझा लिया गया है। इस वर्ष मोहर्रम के मौके पर ताजिए का जुलूस प्रशासन की निगरानी में नए मार्ग से शांतिपूर्ण ढंग से निकाला गया, जिससे क्षेत्र में खुशी और संतोष का माहौल देखने को मिला।
पिछले कई दशकों से ताजिए के जुलूस को लेकर मार्ग को लेकर मतभेद थे। कई बार यह मामला प्रशासनिक और सामाजिक स्तर पर चर्चा का विषय बना रहा। इस बार प्रशासन, स्थानीय नेताओं, समाजसेवियों और दोनों समुदायों के सहयोग से बातचीत कर समाधान निकाला गया। सभी पक्षों की सहमति से एक नया रास्ता तय किया गया, जिससे विवाद की स्थिति नहीं बनी और जुलूस बिना किसी रुकावट के संपन्न हुआ।
प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए थे। पूरे मार्ग पर पुलिस बल, होमगार्ड और प्रशासनिक अधिकारी तैनात रहे। ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी से निगरानी की गई। साथ ही, स्थानीय नागरिकों ने भी सहयोग कर एक मिसाल पेश की।
इस फैसले से शहर के सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा मिला है और यह उदाहरण अन्य क्षेत्रों के लिए भी प्रेरणादायक बन सकता है। लोगों ने इस शांतिपूर्ण आयोजन की सराहना की और उम्मीद जताई कि आने वाले वर्षों में भी इसी तरह आपसी समझ और शांति बनी रहेगी।
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