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शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

कोरोना संकट काल के दौरान उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जब-जब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का सड़क पर आकर विरोध किया तो उन्हें महंगा पड़ गया। इससे पहले भी हरीश रावत को लॉकडाउन के दौरान बैलगाड़ी में सवार होकर उत्तराखंड सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करना उल्टा दांव पड़ा था। अब एक बार फिर शनिवार को हरीश रावत ने हरिद्वार जाकर श्रमिकों के शोषण और बेरोजगारी को लेकर एक पदयात्रा निकाली थी। इस दौरान उनके साथ सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता और कुछ विधायक भी साथ थे।

harish rawat

हरीश रावत की इस पदयात्रा का एक वीडियो सोशल-मीडिया में जमकर वायरल हुआ। इसके बाद हरिद्वार जिला प्रशासन ने लॉकडाउन के उल्लंघन पर एक्शन लिया है। हरिद्वार के सिडकुल थाने की ओर से दर्ज हुए मुकदमे में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पिरान कलियर से कांग्रेस विधायक फुरकान अहमद, भगवानपुर विधायक ममता राकेश, जिला पंचायत के उपाध्यक्ष राव आफाक अली, पूर्व दर्जा धारी किरणपाल वाल्मीकि व श्रमिक नेता राजवीर सिंह चौहान समेत करीब 300 कार्यकर्ताओं के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम और लॉकडाउन उल्लंघन का मुकदमा दर्ज किया है।

वहीं युवा कांग्रेस नेता सुमित चौधरी के साथ उनके दो निजी सुरक्षाकर्मी इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। पुलिस का आरोप है कि निजी सुरक्षाकर्मियों ने असलाह प्रदर्शन किया है। इस मामले में सुमित चौधरी व उनके दो सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ भी शस्त्र अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया गया।

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