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एक चाय वाले की पत्नी, जो कागे (महाराष्ट्र) में टपरी चलाकर अपना जीवन यापन करती है, उन्होंने साबित कर दिया कि दृढ़ संकल्प, कड़ी मेहनत और दृढ़ता के साथ कोई भी स्थिति पर काबू पा सकता है। उन्हें मुंबई पुलिस बल में कांस्टेबल और ड्राइवर दोनों के रूप में चुना गया था।

कागे थाने के सामने हाइवे किनारे बालाजी पचपिंडे की चाय की दुकान है। वह लातूर जिले के तंदुलजा के रहने वाले हैं। रोजी-रोटी की तलाश में उसने तीन साल पहले एक छोटी सी चाय टपरी शुरू की। इससे वे रोजाना 600 से 1000 रुपए कमा लेते हैं, जिससे उन्हें परिवार का खर्च चलाना पड़ता है। उसके पास रहने के लिए अपना घर तक नहीं है। बालाजी की पत्नी माधवी पचपिंडे-वाघचौरे ने छात्रों को पढ़ाकर परिवार में योगदान दिया। उसने पुलिस भर्ती की तैयारी जारी रखी। लिखित परीक्षा के लिए अंग्रेजी, गणित और सामान्य ज्ञान का भी अध्ययन किया गया था। अन्यथा ड्राइविंग प्रशिक्षण पूरा कर लिया।

थाने में हुआ जोरदार स्वागत

मुंबई पुलिस में पुलिस कांस्टेबल और ड्राइवर के पद पर चयनित बालाजी पचपिंडे और उनकी पत्नी माधवी का केज पुलिस स्टेशन में इंस्पेक्टर बालासाहेब पवार ने स्वागत किया।

जल्द ज्वाइन करेंगे

माधवी जल्द ही ट्रेनिंग में शामिल होंगी। समाचार चैनल से बात करते हुए माधवी ने कहा कि ये कामयाबी उनके पति बालाजी पचपिंडे द्वारा दिए गए प्रोत्साहन और बड़े नानंद जमादार रुक्मिणी पचपिंडे के मार्गदर्शन से आसान हुई है।

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