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Up Kiran, Digital Desk: वरिष्ठ अभिनेता मनोज जोशी ने बांग्लादेश में हिंदू विरोधी हिंसा पर बॉलीवुड की 'चुनिंदा चुप्पी' की कड़ी आलोचना करते हुए मनोरंजन उद्योग के पाखंड को उजागर किया। गुरुवार को काजल अग्रवाल , जाह्नवी कपूर और जया प्रदा ने भी दीपू चंद्र दास की मौत को बर्बरतापूर्ण बताया।

बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा पर प्रतिक्रिया देते हुए मनोज जोशी ने कहा, 'समस्या बहुत सीधी सी है, बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले होते हैं और कोई उन पर ध्यान नहीं देता, लेकिन जब गाजा या फिलिस्तीन में ऐसा कुछ होता है, तो हर कोई उस पर ध्यान देता है।'

मनोज जोशी ने क्या कहा?

उन्होंने एएनआई को दिए एक बयान में कहा, 'गाजा या फिलिस्तीन में कुछ होने पर हर कोई सामने आता है, लेकिन जब बांग्लादेश में किसी हिंदू की हत्या होती है, तो यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोई सामने नहीं आता।' उन्होंने आगे कहा, 'समय खुद स्पष्ट कर देगा कि क्या हुआ था।'

जाह्नवी कपूर का लंबा नोट

क्रिसमस की पूर्व संध्या पर, जाह्नवी ने भी अपने इंस्टाग्राम स्टोरीज़ पर दीपू चंद्र दास की 'बर्बर' मौत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एक लंबा संदेश पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, 'बांग्लादेश में जो हो रहा है वह बर्बर है। यह एक नरसंहार है। यह कोई अलग-थलग घटना नहीं है। अगर आपको इस सार्वजनिक लिंचिंग के बारे में नहीं पता है, तो इसके बारे में पढ़ें, वीडियो देखें, सवाल पूछें। अगर इन सब के बाद भी आपको गुस्सा नहीं आता है, तो यह पाखंड हमें बर्बाद कर देगा।'

उन्होंने आगे लिखा, 'हम दुनिया के अन्य हिस्सों में हो रही घटनाओं पर रोते रहेंगे, जबकि हमारे अपने भाई-बहनों को जिंदा जलाया जा रहा है। मानवता खोने से पहले हर तरह के उग्रवाद की निंदा और विरोध किया जाना चाहिए।' जाह्नवी की इस पोस्ट की सोशल मीडिया पर खूब सराहना हो रही है। यूजर्स इस मुद्दे पर खुलकर बोलने के लिए जाह्नवी के साहस की प्रशंसा कर रहे हैं।

जया प्रदा ने बांग्लादेश में हुई हिंसा की कड़ी निंदा की

पूर्व सांसद और अभिनेत्री जया प्रदा ने भी बांग्लादेश में हिंसा और दीपू चंद्र दास की हत्या पर गहरा दुख व्यक्त किया। पीटीआई से बातचीत में उन्होंने कहा, 'आज मैं बहुत दुखी हूं। मेरा दिल खून के आंसू रो रहा है, यह सोचकर कि बांग्लादेश में किसी इंसान पर इतनी क्रूरता कैसे की जा सकती है। एक निर्दोष हिंदू दीपू चंद्र दास को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला। उन्होंने न सिर्फ उसकी हत्या की बल्कि उसे पेड़ से बांधकर आग लगा दी। क्या यही नया बांग्लादेश है? यह सामान्य हिंसा नहीं है, यह भीड़ द्वारा की गई लिंचिंग है।' जया प्रदा ने इस मामले में न्याय की मांग की है।