गुजरात के ऑटो ड्राइवर मयूर सिंह जाडेजा और उसके साथी जगत सिंह जाडेजा द्वारा 21 जून को की गई 5 करोड़ रुपए की लूट के मामले में पुलिस ने शुक्रवार को अहम खुलासा किया। मामले की जांच कर रही एसआईटी ने इस संबंध में छह लोगों को गिरफ्तार किया है। एसआईटी ने लूटी गई रकम में से करीब 3 करोड़ 24 लाख 15 हजार रुपये की नकद रकम बरामद कर ली है। यह जानकारी एसपी अमित रेनू ने मीडिया को दी है।
जब्त की गई 3 करोड़ 24 लाख 15 हजार रुपये की रकम को बड़े बक्सों में रखकर मीडिया के सामने लाया गया। नोटों को गिनने के लिए एसआईटी ने बैंकों की मदद से नोट गिनने वाली मशीनें मंगवाई थीं। लूट की दिल दहला देने वाली घटना के बाद एसपी अमित रेनू ने 36 अधिकारियों, पुलिसकर्मियों और टेक्निकल सेल की टीम बनाई थी। इसके बाद एसआईटी ने अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर छह लोगों को गिरफ्तार किया। उनके पास से 8 मोबाइल, क्रेटा और एक SUV वावा जब्त की गई।
अऱेस्ट आरोपियों में धनबाद के गोविंदपुर थाना क्षेत्र का राजेश सिंह, अमलाटांड़ का करीम अंसारी, अमरपुर का विनोद विश्वकर्मा, फकीरडीह का शहजाद आलम, हजारीबाग का रंजीत कुमार और चतरा का अजीत सिंह शामिल हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सबसे पहले रंजीत कुमार को गिरफ्तार किया गया। उसके पास से 1।14 करोड़ रुपये जब्त किये गये। इसके बाद रंजीत की सूचना पर 5 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस के अनुसार, गुजरात के पाटन जिले का ड्राइवर मयूर सिंह जाडेजा अपने सहयोगी जगत सिंह जाडेजा के साथ पटना में डीवाई कंपनी के मैनेजर भरत सिंह सोलंकी के निर्देश पर 5 करोड़ रुपये लेकर पटना से कोलकाता जा रहा था। इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से ड्राइवर ने अपनी क्रेटा कार में एक गुप्त कंपार्टमेंट बनाया और उसमें 5 करोड़ रुपये रखे। लेकिन इसके बाद भी वह लुटेरों के निशाने पर आ गये। आरोपी गुलाब सिंह ने अपने गिरोह के साथ मिलकर खुद को रिकवरी एजेंट बताते हुए जीटी रोड पर उन्हें रोक लिया। जब उन्हें एहसास हुआ कि कार में बड़ी मात्रा में पैसे हैं, तो उन्होंने जमुआ के बाटी में डकैती की योजना बनाई। इसके बाद आरोपियों ने बाटी में इस कार को ओवरटेक किया और 5 करोड़ रुपये की रकम लूटकर फरार हो गए।
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