उत्तराखंड में सरकारी जमीन पर हो रही चरस व अफीम की खेती, राज्य में नशे का व्यापार बढ़ा

img

देहरादून॥ उत्तराखंड राज्य में नशेड़ी की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में उस समय प्रशंसन में हड़कंप मच गया, जब ये पता चला कि एक सरकारी जमीन पर गांजा और अफीम की खेती हो रही है।

चौंकाने वाली बात तो ये है कि पोश्त से बनाई जाने वाली अफीम जिले में ही तैयार हो रही है। इस व्यापार में लिप्त लोगों के लिए वन विभाग की बंजर जमीन दुधारू गाय साबित हो रही है। जिले के मोरी ब्लाक के दूरस्थ गांवों में वन विभाग (सरकार जमीन) की बंजर जमीन पर आज भी पोश्त की खेती हो रही है।

इस व्यापार में शामिल लोग पोश्त के बीज जंगल में डाल देते हैं। फसल पकने पर इससे अफीम तैयार की जाती है। नारकोटिक्स विभाग के अभियान चलाने के बावजूद इस खेती पर प्रतिबंध नहीं लग सका है। बीते 2018 में ही विभाग क्षेत्र में पोश्त की खेती को नष्ट कर मामले में लगभग 50 लोगों के विरू़द्ध केस भी दर्ज करा चुके हैं।

पढ़िएःजरूरत से ज्यादा बड़ा था होने वाले पति का ये अंग, लड़की ने देखकर शादी से कर दिया मना

लगभग 4 दशक पहले जनपद के गांवों में कच्ची शराब का ही सीमित वर्ग में प्रचलन था। इसके बाद सरकार की तरफ से कई-कई स्थानों पर अंग्रेजी शराब की दुकानें खोले जाने से कच्ची शराब पर तो बहुत हद तक रोक लगी, लेकिन अंग्रेजी शराब का नशा आम हो गया। कम उम्र के युवा भी शराब के नशे की चपेट में आ गए हैं।

Related News