
वॉशिंगटन। चीन और ताइवान के बीच गहराते तनाव में बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है जिसने चीन को टेंशन में डाल दिया है। दरअसल अमेरिकी स्पेशल ऑपरेशनल फोर्सेज महीनों से ताइवान के सैनिकों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। अमेरिका के इस कदम से चीन का गुस्सा काफी बढ़ रहा है। एक इंटरव्यू में एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया है कि अमेरिका की करीब 20 स्पेशल ऑपरेशन और पारंपरिक फोर्सेज महीनों से ताइवानी सैनिकों को प्रशिक्षण दे रहे हैं।
पेंटागन के प्रवक्ता जॉन सप्पल का इस बारे में कहना है कि ताइवान को हम सपोर्ट कर रहे हैं। हम ताइवान के साथ रिपब्लिक ऑफ चाइना के खतरे का विरोध करते हैं। हम बीजिंग से सभी मतभेदों के शांतिपूर्ण तरीके से हल करने का आग्रह करते हैं। इधर ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने कहा है कि एक उचित कारण हमेशा से समर्थन आकर्षित करता है। हम अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता और अपने लोगों की रक्षा के साथ ही क्षेत्रीय शांति बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। हम वह सब कर रहे हैं जो कि हम कर सकते हैं। हम साथ काम करने वाले समान विचारधारा वाले देशों की सराहना करते हैं।
बता दें कि अमेरिका ताइवान को लड़ाकू जेट और मिसाइल समेत कई तरह के हथियार एक्सपोर्ट करता हैं। अमेरिका ताइवान की रक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर करता रहा है। अमेरिकी विदेश विभाग ने ताइवान को लेकर चीनी गतिविधियों को उत्तेजक और अस्थिर करने वाला बताया है।
गौरतलब है कि हल के दिनों में चीनी सेना ने ताइवान की तरफ अपनी गतिविधियों को तेज कर दिया है।
चीन ने समुद्री हमले के अभ्यास का आयोजन किया है और कई बार ताइवान हवाई क्षेत्रों में लड़ाकू विमान भेजे हैं। पिछले एक हफ्ते में चीन द्वारा करीब 150 लड़ाकू विमान भेजे जाने के बाद दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव उच्चतम स्तर पर है। इस घटना के बाद ताइवान की तरफ से अमेरिका ने भी चीन को चेतावनी दे डाली है।
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