देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के साथ वन, सेवायोजन एवं कौशल विकास, श्रम तथा आयुष विभाग की समीक्षा की।
वन विभाग- वन विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि उत्तराखण्ड के वन्यजीव संरक्षित क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बुकिंग के लिए सिंगल विंडो सिस्टम शुरू किया जाय। ऑनलाईन बुकिंग के लिए एप्प विकसित किया जाए। लकड़ी एवं आरबीएम के लिए लोगों को एप्लाई करने के बाद निश्चित समयावधि में अनुमति मिल जाय, इसके लिए लोगों को अनावश्यक परेशानी न हो। लोगों के हक-हकूकों का पूरा ध्यान रखा जाय। इसको सेवा के अधिकार के तहत सम्मिलित किया जाय।
वृक्षारोपण एवं उनकी सुरक्षा के लिए जन सहयोग लिया जाय। वन विभाग द्वारा राजस्व वृद्धि पर विशेष ध्यान दिया जाय। औषधीय आधारित ग्रोथ सेंटर विकसित करने के लिए योजना बनाई जाय। वन विभाग की विभिन्न योजनाओं के तहत कार्य करने वाले श्रमिकों का भुगतान समय पर हो। वनाग्नि को रोकने के लिए समुचित प्रयासों की जरूरत है।
वर्षा जल संरक्षण की दिशा में 02 वर्षों में लगभग 68.37 करोड़ ली0 वर्षा जलसंचय की संरचनाओं का निर्माण किया गया। इस वर्ष 41.00 करोड़ ली0 जल संचय का लक्ष्य रखा गया है। जल स्रोतों हेतु Springshed Management Consortium का गठन किया गया है। 68 जल धाराओं का पुनरोद्धार हेतु कार्य प्रगति पर है।
आयुष विभाग- आयुष विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने निर्देश दिये कि आयुष विभाग द्वारा लोगों को योग, प्रणायाम डाइट चार्ट एवं आयुष से संबधित विभिन्न गतिविधियों के बारे में विभिन्न माध्यमों से जागरूक किया जाय। कोविड के दौरान आयुष और होम्योपेथी की ओर लोगों का रूझान बढ़ा है।
आयुष मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि कोविड के दौरान आयुष विभाग द्वारा 02 लाख से अधिक काढ़ा के रूप में सुरक्षा किट वितरित की गई। आयुष विभाग द्वारा प्री कोविड और पोस्ट कोविड किट तैयार की गई है।
समय एवं परिस्थितियों के साथ आईटीआई के स्वरूप में बदलाव लाना होगा। स्किल एवं लाइवलीहुड सेंटरों की मजबूती की दिशा में कार्य किये जाय। आधुनिकतम तकनीकि के साथ अभिनव प्रयोगों पर ध्यान देने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाय कि उत्तराखण्ड के औद्योगिक संस्थानों में 70 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार मिले। इसके लिए उद्योग विभाग की जिम्मेदारी तय की जाय।
वैश्विक महामारी कोविड-19 के दृष्टिगत राज्य में स्थापित समस्त कारखानों को 12-12 घण्टे की दो पालियों में कार्य करने की अनुमति दी गई जिसमें 4 घण्टे ओवरटाईम के रखते हुये नियमानुसार भुगतान की व्यवस्था की गई। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के अन्तर्गत किये गये सुधारों में विभिन्न श्रम अधिनियमों/कारखाना तथा ब्वॉयलर अधिनियम के अंतर्गत पंजीकरण तथा नवीनीकरण का समस्त कार्य ऑनलाईन किया जा रहा है। कारखानों में थर्ड पार्टी निरीक्षण/ऑडिट की व्यवस्था शुरू की गई है। विभागीय वेबसाईट को उद्योग विभाग के सिंगल विंडों सिस्टम तथा भारत सरकार के श्रम सुविधा पोर्टल के साथ इंटीग्रेट किया गया है।
इस अवसर पर पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एस.एस.नेगी, मुख्यमंत्री के तकनीकि सलाहकार डॉ. नरेन्द्र सिंह, प्रमुख सचिव आनन्द वर्द्धन, सचिव अमित नेगी, हरबंस सिंह चुघ, शैलेष बगोली, डॉ. रणजीत सिन्हा, प्रमुख वन संरक्षक श्रीमती रंजना काला, मुख्यमंत्री के विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते एवं संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।