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जोशीमठ के बाद उत्तराखंड के मशहूर शहर नैनीताल में प्राकृतिक आपदा ने लोगों की नींद उड़ा दी है। उस कलंक के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने पाटन क्षेत्र में 2 दर्जन घरों पर रेड मार्क लगाकर मकान खाली करवा दिए हैं। अचानक हुई इस कार्रवाई से लोगों में गुस्सा है। कल तक अपने घरों में रह रहे लोग कुछ ही घंटों बाद आपदा प्रभावित बन गए।

उनका इल्जाम है कि प्रशासन सुरक्षा की बजाय लोगों के घर तोड़ने की योजना बना रहा है। इसीलिए कई घरों को जबरन खतरे की जद में डाल दिया गया है। संडे को पाटन में रह रहे परिवारों को विकास प्राधिकरण प्रशासन की तरफ से नोटिस जारी कर दिए गए। जिसके बाद कई परिवारों को प्रशासन ने होटलों में रुकवाया है। जबकि कुछ परिवार अपने रिश्तेदारों के यहां शरण लेने चले गए हैं। इस कार्रवाई से लोगों में नाराजगी है। इल्जाम है कि प्रशासन ने यहां पर सुरक्षा उपाय नहीं किए।

अचानक से घरों पर लाल निशान लगाए जा रहे हैं। ऐसे में लोगों को आशंका है कि प्रशासन खतरा बताकर दूसरों के घरों को तोड़ सकता है। नैनीताल में शनिवार को क्षेत्र में एक दो मंजिला इमारत के भरभराकर जमींदोज होने के बाद आसपास के क्षेत्र में भूस्खलन का खतरा बढ़ गया। रविवार को भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में दशकों से रह रहे 24 घरों ने गम और गुस्से के बीच अपने अपने घरों को खाली कर दिया। 

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