कंजेस्टिव हार्ट फेलर और शराब

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कंजेस्टिव हार्ट फेलर (Congestive heart failure) या दिल की विफलता पिछले कुछ वर्षो में एक बहुत आम बीमारी बन गई है।John Hopkins medicine की एक रिपोर्ट के अनुसार कंजेस्टिव हार्ट फेलर 65 वर्ष के ऊपर के व्यक्तियों के हॉस्पिटल में भर्ती होने की सबसे बड़ी वजह थी।

कंजेस्टिव हार्ट फेलर

हालांकि भारत में हार्ट फेलर के शिकार लोगों की औसत आयु 59 वर्ष है, जो अन्य देशों की अपेक्षा लगभग 10 वर्ष कम है, अर्थात भारत में लोग अन्य देशों की तुलना के कम आयु में ही इस खतरनाक बीमारी के शिकार हो रहे हैं, जो वास्तव में चिंताजनक है।यूनाइटेड स्टेट्स में करीब 6 मिलियन वयस्क कंजेस्टिव हार्ट फेल से ग्रसित हैं।

ये आंकड़े बहुत गंभीर और डराने वाले हैं।

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इस लेख में हम कंजेस्टिव हार्ट फेलर का परिचय, उसके लक्षण, प्रमुख कारण के साथ साथ यह भी जानने की कोशिश करेंगे कि कैसे शराब पीने से कंजेस्टिव हार्ट फेलर होने की संभावना बढ़ जाती है।

कंजेस्टिव हार्ट फेलर की परिभाषा

हमारे हार्ट यानी हृदय का काम होता है खून को पंप करना।

कंजेस्टिव का अर्थ होता है जमाव। अर्थात् कंजेस्टिव हार्ट फेलर वह परिस्थिति है जिसमे हमारा हृदय इस गति से खून को पंप नही कर पता जैसे वह पहले करता था।जब हृदय पर्याप्त मात्रा में खून पंप नही कर पाता तो वही खून वापस लौट जाता है चूंकि हृदय से फेफड़ों की ओर एक विशेष धमनी जुड़ी रहती है, जिसको पल्मोनरी (Pulmonary) धमनी कहते हैं, तो यही वापस लौटा खून पल्मोनरी धमनी की सहायता से फेफड़ों में चला जाता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होने लगती है और कभी कभी ये दिक्कत इतनी बढ़ जाती है कि इंसान की मृत्यु तक हो सकती है।

कंजेस्टिव हार्ट फेलर (दिल की विफलता) के लक्षण

कंजेस्टिव हार्ट फेलर के निम्न लक्षण हो सकते हैं –

  • थकान
  • सीने में जकड़न जैसा अनुभव होना
  • दौड़ते या वर्कआउट करते समय सांस फूलना
  • पैर और टांगों में सूजन होना
  • जोर जोर से सांस लेना और सांस लेते समय खून के साथ सफेद या गुलाबी रंग का बलगम आना।
  • उदर भाग में सूजन होना
  • बहुत तेजी से वजन बढ़ना
  • भूख न लगना
  • सीने में तेज दर्द होना

दिल की विफलता के कारण

दिल की विफलता के निम्न कारण हो सकते हैं।

  • दिल का दौरा पड़ना
  • उच्च रक्तचाप(High blood pressure)
  • हृदय में छेद होना
  • धड़कन का अनियमित रूप से धड़कना(Cardiac arrhythmia)
  • शराब का अत्यधिक सेवन करना
  • फेफड़ों में खून के थक्कों का जम जाना

दिल की विफलता और शराब में संबंध

बहुत से लोग ये कहते है कि शराब से हृदय में कोई प्रभाव नहीं पड़ता है लेकिन ये अर्ध सत्य है। सत्य ये है कि शराब हमारे हृदय को तब तक

प्रभावित नही करती जब तक कि मॉडरेट ड्रिंकिंग करते हैं।

शराब और हृदय रोग से संबंधित कुछ रिपोर्ट्स और स्टडीज रिजल्ट

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन(American Heart Association) यह सलाह देता है कि एक व्यक्ति को मॉडरेट (2 ड्रिंक्स) लेना चाहिए।

David Brown MD(Cardiology) बताते हैं कि एक आदमी को रोज 2 ड्रिंक वही एक औरत को रोज 1 ड्रिंक लेना चाहिए।David Brown यह भी बताते हैं की किसी भी व्यक्ति को रोज 8-10 ड्रिंक नही पीना चाहिए, इससे दिल की विफलता और अन्य दिल की बीमारी की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।कुछ स्टडीज बताती हैं कि मॉडरेट ड्रिंकिंग से खून में गुड HDL Cholesterol  का स्तर बढ़ जाता है जो खून के थक्कों को कम करता है जिससे हृदयाघात और हर्ट अटैक के खतरे कम होते हैं।

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अब तक हम ये समझ गए कि मॉडरेट ड्रिंकिंग से हृदय में कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।लेकिन अगर कोई व्यक्ति मॉडरेट से ज्यादा ड्रिंकिंग करे तो उसमे हृदय रोग और दिल की विफलता की संभावना बहुत हद तक बढ़ जाती है।चलिए अब बात करते हैं कि शराब हमारे हृदय पर प्रभाव किन किन तरीको से करती है।

शराब हृदय को किन तरीकों से प्रभावित करती है?

शराब हमारे हृदय को प्रत्यक्ष तरीके से नहीं प्रभावित करती बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती है।

शराब हृदय को निम्न तरीको से प्रभावित करती है।

  1. रक्त चाप को बढ़ाके
  2. हर्ट रेट को बढ़ाके
  3. मोटापा को बढ़ाके

1.रक्त चाप को बढ़ाके

हमारे शरीर में रक्त चाप का नियंत्रण रेनिन, एंजियोटेंसिन और एल्डोस्ट्रॉन नामक तीन हार्मोन करते हैं।शराब रेनिन के स्तर को बढ़ा देती है, जिससे रक्त वाहिनियां सिकुड़ जाती हैं। इससे रक्त चाप बढ़ जाता है।

2. हर्ट रेट को बढ़ाके

सुजैन स्टेनबॉम MD(Cardiology) कहती है कि 40 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्तियों में मॉडरेट ड्रिंकिंग से ज्यादा खुराक लेने से उनके हृदय की गति में खतरनाक तरीके से अनियमितता देखी गई है।

3.मोटापा को बढ़ाके

David Brown MD(Cardiology) कहते हैं कि एक ग्लास शराब में 60-90 कैलोरी मिलती है। एक बोतल से लगभग 300-400 कैलोरी मिलती है जो बहुत ज्यादा है।यही हाई कैलोरी मोटापे का कारण बनती है और इससे अतिरिक्त फैट हृदय की धमनियों की सतह में जाकर जमा हो जाता है जिससे रक्त चाप बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।यही बढ़ा रक्त चाप आर्टेरियोस्क्लेरोसिस(arteriosclerosis) सहित अन्य कई तरह की दिल की बीमारी की संभावना को बढ़ा देता है।

कंजेस्टिव हार्ट फेलर को कम करने के एक्सपर्ट टिप्स

दिल की विफलता या अन्य कई तरह की दिल की बीमारियो की संभावनाओं को कम करने के लिए निम्न टिप्स को अपनाना चाहिए।

  1. धूम्रपान को कम करे
  2. शराब का सेवन न करे
  3. सोडियम युक्त भोज्य पदार्थों का सेवन न करे
  4. अपने शरीर को सक्रिय रखे

 1.धूम्रपान को कम करे

American Heart Association की एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में हर वर्ष करीब 8 लाख लोग हृदय रोग से मरते हैं, जिनमे करीब 20% लोग ऐसे होते हैं, जो बहुत अधिक मात्रा में धूम्रपान करते थे।धूम्रपान विशेषकर सिगरेट में करीब 7,000 तरह के ऐसे रसायन होते हैं जो हमारे शरीर के लिए बहुत ज्यादा घातक हैं। यही रसायन खून में मिलकर खून का थक्का बना देता है जिससे हृदय की कोशिकाएं पर्याप्त मात्रा में खून पंप नही कर पाती हैं।

2.शराब का सेवन न करे

शराब अप्रत्यक्ष रूप से हृदय को प्रभावित करता है। शराब से आर्टेरियोस्क्लेरोसिस, कार्डिएक एरिथमिया, हृदयाघात और उच्च रक्तचाप सहित कई तरह की बिमारी हो सकती हैं।

3.सोडियम युक्त भोज्य पदार्थों का सेवन न करें

एक विशेष मात्रा में सोडियम हमारे हृदय की कार्य प्रणाली के लिए जरूरी है। अधिक सोडियम युक्त भोजन उच्च रक्तचाप का खतरा पैदा कर सकता है।

4.अपने शरीर को सक्रिय रखे

एक रोगमुक्त जिंदगी के लिए शरीर की सक्रियता बहुत ज्यादा जरूरी है।शरीर को सक्रिय रखके हम 20 से ज्यादा तरह की बीमारियो से दूर रह सकते हैं।रोज 30 मिनट का योग और एरोबिक वर्कआउट (ब्रिस्क वॉक, रनिंग, साइक्लिंग, स्विमिंग, टेनिस खेलना, जंपिंग जैक्स) आपको दिल की बीमारियो से दूर रख सकती है।

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