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भारतीय रेलवे भारतीय अर्थव्यवस्था की एक महत्वपूर्ण ऊर्जा है और यह विश्व के सबसे बड़े रोजगार दाताओं में से एक है। भारतीय रेलवे में लगभग 1.4 मिलियन से ज्यादा लोग काम करते हैं। भारतीय रेलवे हर दिन लगभग 2.5 करोड़ यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाता है, जो देश के विभिन्न हिस्सों के बीच यात्रा करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं रेलवे ट्रैक के बीच गिट्टियां क्यों बिछाई जाती है।

जानकारी के अनुसार, ट्रैक के बीच छोटे-छोटे पत्थर बिछाए जाने के पीछे एक वैज्ञानिक वजह है. शुरूआती दौर में रेलवे पटरी का निर्माण स्टील और लकड़ी के पटरों की सहायता से किया जाता था, जबकि मौजूदा वक्त में लकड़ी के पटरों के बदले सीमेंट की आयताकार सिल्लियों का उपयोग किया जाता है।

बता दें कि ट्रैक के बीच इन पत्थरों को इसलिए बिछाया जाता ताकि ये लकड़ी के पटरों या सीमेंट की सिल्लियों को अपनी जगह पर मजबूती के साथ स्थिर रखें और वे पटरी को मजबूती के साथ पकड़े रहें. बता दें कि जब रेलगाड़ी चलती है तो उससे जमीन और पटरियां तेजी से हिलती हैं।

और तो और तेज धूप से पटरियां फैलती हैं और जाड़ों में सिकुड़ती हैं. इससे रेलगाड़ी का सारा भार लकड़ी या सीमेंट की सिल्लियों पर पड़ता है, मगर पटरियों के बीच पत्थर बिछे होने की वजह ये ये सारा भार इन पत्थरों पर चला जाता है. इसके चलते रेलगाड़ी आने पर पैदा होने वाला कंपन खत्म हो जाता है और ट्रैक पर पड़ने वाला भार भी बैलेंस हो जाता है।
 

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