कांग्रेस ने कर दिया बड़ा ऐलान, अब इस दांव से छुड़ाएगी बीजेपी के छक्‍के

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नई दिल्ली ।। हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने वाले है और सभी पार्टियां अपनी-अपनी रणनीति बनाने में लगी हैं। यहां कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर जो चर्चा थी उस पर बसपा ने विराम लगा दिया है। बसपा हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों पर अकेले चुनावी मैदान में उतरेगी।

कुछ दिन पहले ही बसपा ने दुष्यंत चौटाला की पार्टी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) से गठबंधन तोड़ दिया था। हरियाणा में जेजेपी और बसपा के गठबंधन खत्म होने के बाद कांग्रेस के साथ मिलकर चुनावी कयास लगाए जा रहे थे। इस संबंध में हरियाणा प्रदेश कांग्रेस की नव नियुक्त अध्यक्ष कुमारी शैलजा और पार्टी के प्रचार समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बसपा प्रमुख मायावती से मुलाकात करने खबर आ रही थी।

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हालांकि बसपा और कांग्रेस दोनों ओर इस मुलाकात का खंडन किया गया है। वहीं, बसपा सूत्रों ने बताया है कि वह अकेले सभी 90 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरेगी। हरियाणा में 19 फीसदी दलित मतदाता हैं। इसी मद्देनजर कांग्रेस और बसपा के बीच गठबंधन के कयास लगाए जा रहे थे।

कांग्रेस ने हरियाणा में दलित मतदाताओं को साधने लिए हाल ही में अशोक तंवर की जगह कुमारी शैलजा को पार्टी की कमान सौंपी है। दरअसल, हरियाणा में बसपा का दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) से गठबंधन था। हालांकि कुछ ही दिन पहले मायावती ने अपना गठबंधन जेजेपी से खत्म कर लिया। मायावती ने ट्वीट कर लिखा था कि बसपा एक राष्ट्रीय पार्टी है और सीट बंटवारे में जेजेपी का रवैया ठीक नहीं था इसलिए स्थानीय नेताओं के सुझाव पर गठबंधन खत्म किया जाता है।

हरियाणा में बसपा का दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जेजेपी़) से गठबंधन था। हालांकि कुछ ही दिन पहले मायावती ने अपना गठबंधन जेजेपी से खत्म कर लिया। ट्वीटर पर 6 सितंबर को ऐलान करते हुए मायावती ने लिखा था कि बसपा एक राष्ट्रीय पार्टी है और सीट बंटवारे में जेजेपी का रवैया ठीक नहीं था इसलिए स्थानीय नेताओं के सुझाव पर गठबंधन खत्म किया जाता है।

लोकसभा इलेक्शन 2019 से पहले मायावती ने आईएनएलडी से गठबंधन किया था लेकिन चुनाव से ठीक पहले उन्होंने ओम प्रकाश चौटाला की पार्टी से गठबंधन तोड़ लिया। इसके बाद मायावती ने भाजपा से अलग होकर नई पार्टी बनाने वाले राजकुमार सैनी से मिलकर चुनावी किस्मत आजमाया, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। ऐसे में खबर थी कि मायावती कांग्रेस के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव में भाग्य आजमा सकती हैं, लेकिन इस पर भी ब्रेक लग गया है।

फोटो- फाइल

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