इस कोरोना महामारी में बात उलट पलट कर उम्रदराज़ लोगों पर ही आती हैं क्योंकि जहा तक देखा गया हैं, 60 या उससे अधिक उम्र वाले ही इसकी चपेट में आते हैं। रिसर्च में देखा गया है कि यह 55 से 60 उम्र वाले लोग, विशेष रूप से जिन्हें पहले से दिल का रोग, फेफड़ों की बीमारी, मधुमेह या कैंसर जैसी बीमारी है, तो उनका कोरोना वायरस से संक्रमित होने का ख़तरा बढ़ जाता है और साथ ही ये नौजवां लोगों की तुलना ये संक्रमण गंभीर रूप भी ले सकता हैं।
डॉ. शबनम मीर (कंसल्टेंट फिज़ीशियन) का कहना है, “सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के डायरेक्टर के मुताबिक, जिन लोगों की उम्र 55 से ज़्यादा है और पहले से दूसरी बीमारियों से जूझ रहे हैं, तो उनमें कोरोना वायरस महामारी का जोखिम और बढ़ जाता है, यहां तक कि जानलेवा भी साबित हो सकता है। आजकल घर पर एक्स-रे और आइसोलेशन के लिए केयर होम्स, बुज़ुर्ग लोगों के लिए उपलब्ध हैं, ताकि उन्हें कोविड-19 से बचाया जा सके।”
अगर आपके मां-बाप उम्रदराज़ हैं या घर पर बुज़ुर्ग सदस्य भी हैं, तो आप भी कोविड-19 को लेकर चिंतित होंगे। अंतारा सीनियर केयर की क्लिनिकल ऑप्रेशंस की प्रमुख डॉ. शिल्पी कुलश्रेष्ठ का कहना है कि इस वक्त हम कोविड से रिकवरी के बाद हो रहीं तकलीफों से जूझ रहे हैं।
इस दौरान सांस फूलना, नींद न आना, चीज़ें समझने में मुश्किल आना, बेचैनी या तनाव और थकावट, खासतौर पर बुज़ुर्गों में देखा जा रहा है। लॉन्ग-कोविड का प्रभाव शरीर के विभिन्न अंगों पर पड़ सकता है, जिसमें श्वसन, हृदय, तंत्रिका संबंधी, जठरांत्र, मस्कुलोस्केलेटल, ईएनटी, त्वचा और मनोवैज्ञानिक असर शामिल है।”
घर के बुज़ुर्गों को कोविड-19 से बचाने क लिए ज़रूरी है कि वे घर पर ही रहें और किसी से न मिलें, लेकिन इसका बुरा असर उनके दिमाग़ पर पड़ सकता है। इसलिए घर पर एक बार में कम लोगों को आने दें, ताकि वे कम ही सही लेकिन कुछ लोगों के साथ वक्त बिता सकें। उनके अकेला छोड़ने पर उनकी सेहत पर नाकारात्मक असर पड़ सकता है।
घर के बुज़ुर्गों को ज़िंदादिल रखने के लिए उन्हें अकेला न पड़ने दें। उनको सिखाएं कि कैसे परिवार के दूसरे सदस्यों या दोस्तों से वीडियो चेट की जा सकती है।
घर के बुज़ुर्गों के लिए प्रोजेक्ट निकाले, जैसे पुरानी तस्वीरों को ठीक से रखना, ताकि वे पुरानी यादों को देख अच्छा महसूस करें। उनका पसंदीदा खाना बनाएं या उनके मशहूर रेस्पी से कुछ बनाएं। उनकी पसंद के गाने सुनें, फिल्में देखें।
कोविड-19 संक्रमण के ख़तरे को कैसे कम करें
बुज़ुर्गों का या खासतौर से जो लोग बीमारी से जूझ रहे हैं, उनका अपने डॉक्टर से ख़ास रिश्ता होता है। वे उनपर ट्रस्ट करते हैं। इसलिए महीने में एक-दो बार डॉक्टर से अपॉइन्मेंट वीडियो कॉलिंग के ज़रिए लें।