कोविड आपदा से सुरक्षा के लिए मास्क, दैहिक दूरी और टीका ही फिलहाल सबसे बड़ा रक्षा कवच है मगर जब इतना समझाने के बाद भी लोग अपनी जान की परवाह न करें तो भला इसे क्या कहा जाएगा। ऐसा ही एक घटना बिहार से प्रकाश में आई है यहां के लोगों का कहना है कि उनको मौत मंदूर है मगर वैक्सीन नहीं लगवाएंगे।
अफवाह गैंग ने यहां के लोगों के मन में इतना भय बैठा दिया है कि वो कोविड टीका नहीं लगवाना चाहते। एक समाचार चैनल की टीम जब दानापुर के लखनी बीघा गांव और फुलवारी शरीफ के ग्यासपुर पहुंची तो पता चला कि लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर कितनी फर्जी और भ्रामक सूचनाएं कूट-कूट कर भरी गई है। इन गांवों के लोग वायरस से मरने की बजाए वैक्सीन से डर रहे हैं।
ऐसे कई गांव हैं जहां मर्दों की छोड़िए औरतों तक वैक्सीन का नाम सुनते ही भड़क जाती हैं। पटना के फुलवारी शरीफ स्थित ग्यास नगर में चंद लोगों को छोड़कर किसी ने भी टीका नहीं लगवाया है।
कुछ जागरूक लोगों की बात करें तो यहां के पूर्व मुखिया मोहम्मद गयासुद्दीन भले ही लोगों को घर-घर घूमकर जागरूक तो कर रहे हैं। मगर उनकी भी बात मानने से लोग मना कर रहे हैं। पूर्व मुखिया ने बताया कि इस नगर में कोई भी स्वास्थ्य विभाग की टीम नहीं आई है।
स्वास्थ्य विभाग की टीम को इस गांव में आकर लोगों को वैक्सीन के बारे में जो अंधविश्वास फैला है। उसे दूर करते हुए लोगों को ये भरोसा दिलाना चाहिए ताकि लोग टीकाकरण ज्यादा से ज्यादा संख्या में करा सकें।