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Up Kiran, Digital Desk: मध्य प्रदेश में जहरीले कोल्ड्रिफ कफ सिरप के सेवन से लगातार छोटे बच्चों की जान जा रही है। छिंदवाड़ा जिले के चौरई क्षेत्र में हाल ही में 3.5 वर्षीय बच्ची अम्बिका विश्वकर्मा की मौत हो गई। अम्बिका को नागपुर में इलाज के दौरान किडनी फेल होने के कारण खो दिया गया। इस हादसे के बाद प्रदेश में इस खतरनाक सिरप के कारण मरने वाले बच्चों की संख्या 24 तक पहुंच गई है। वहीं, दो बच्चे अभी भी नागपुर के अस्पतालों में इलाजरत हैं।

परिवारों की त्रासदी और चिकित्सा प्रणाली पर सवाल

अम्बिका की तबीयत सितंबर के शुरुआती दिनों में बिगड़ी थी, और स्थानीय इलाज से राहत न मिलने पर परिजन उसे नागपुर ले गए। वहां डॉक्टरों ने किडनी फेल्योर की पुष्टि की, लेकिन इलाज के बावजूद बच्ची बच न सकी। इस पूरे मामले ने स्थानीय परिवारों में गहरा सदमा और चिकित्सा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। छोटे बच्चों को सर्दी-खांसी के लिए दी गई दवा ने उनकी जान लेने तक का रास्ता बना दिया।

डॉ. प्रवीण सोनी का कड़ा आरोप और दवा की मिलावट

मामले की जांच में पता चला कि सभी प्रभावित बच्चे बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण सोनी के क्लिनिक से कोल्ड्रिफ कफ सिरप प्राप्त कर रहे थे। डॉक्टर द्वारा 5 साल से कम उम्र के बच्चों को यह जहरीला सिरप देना जानलेवा साबित हुआ। जांच रिपोर्ट में सिरप के बैच नंबर SR-13 में विषैला डायएथिलीन ग्लाइकॉल और अन्य हानिकारक रसायन पाए गए।

ड्रग्स कंट्रोल विभाग ने इस दवा के बैच को जब्त कर चेन्नई की लैब में जांच के लिए भेजा था। परिणामस्वरूप श्रीसन फार्मा कंपनी पर कड़ी कार्यवाही हुई।