Deepti Naval: इस फिल्म से रखा बॉलीवुड में कदम, फिर कुछ यूं बनाई अलग पहचान

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शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

आज हम बॉलीवुड की एक ऐसी अभिनेत्री की बात करने जा रहे हैं जिन्होंने अपने छवि के अनुरूप ही फिल्में की। रियल लाइफ की तरह रील लाइफ में भी उनका अभिनय सादगी से भरा रहा।जी हां, हम बात कर रहे हैं फिल्म अभिनेत्री दीप्ति नवल (Deepti Naval) की । उन्होंने न केवल रूपहले पर्दे पर अभिनय की छाप छोड़कर एक उम्दा कलाकार के तौर पर अपने हुनर को साबित किया, बल्कि अपने मन के विचारों को पेंटिंग में उकेरा। Deepti Naval का नाम उन अभिनेत्रियों में शुमार है जिन्होंने लीक से हटकर फिल्में की और एक अलग पहचान बनाई।

Deepti Naval

 

Deepti Naval ने जिंदगी से जुड़े किरदार निभाए और शायद इसीलिए दर्शकों को भी उनका अभिनय पसंद आया। तीन दशक लंबे करियर में दीप्ति नवल ने दर्जनों ऐसी फिल्में कीं जो हिंदी सिनेमा के लिए मील का पत्थर साबित हुईं। कुछ महीने पहले दीप्ति बीमार हो गई थी तब प्रशंसकों ने उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना भी की ।

3 फरवरी 1952 को पंजाब के अमृतसर में हुआ था जन्म

आज दीप्ति नवल (Deepti Naval) का जन्मदिन है, इस मौके पर उनकी जिंदगी और फिल्मी सफर के बारे में जानते हैं। दीप्ति नवल का जन्म 3 फरवरी 1952 को पंजाब के अमृतसर में हुआ था। दीप्ति नवल ने अपनी शुरुआती स्कूली शिक्षा ‘सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट’ और उसके बाद हिमाचल प्रदेश में पालमपुर से की। उसके बाद उनके पिता को न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में नौकरी मिलने के बाद वह अमेरिका चली गईं। दीप्ति ने न्यूयॉर्क की सिटी यूनिवर्सिटी से शिक्षा ली और मैनहट्टन के हंटर कॉलेज से ललित कला में स्नातक डिग्री हासिल की।

कॉलेज की पढ़ाई खत्म होने पर Deepti Naval ने वहां एक रेडियो स्टेशन में काम करना शुरू कर दिया, जिस पर हिन्दी कार्यक्रम भी आते थे। न्यूयॉर्क में कॉलेज खत्म करने के बाद उन्होंने मैनहट्टन के ‘जीन फ्रैंकल एक्टिंग एंड फिल्म मेकिंग कोर्स’ में दाखिला ले लिया। कुछ समय बाद अभिनय के जुनून ने दीप्ति नवल को बॉलीवुड ने बुला लिया। 70 के दशक में उन्हें भारत आने का मौका मिला और इसी दौरान उनके अभिनय के करियर की शुरुआत हुई। मुंबई आकर उन्होंने फिल्मों में जाने का फैसला कर लिया था।

वर्ष 1975 में श्याम बेनेगल की फिल्म ‘जुनून’ से बॉलीवुड में रखा कदम

बचपन से ही अभिनेत्री बनने का सपना पाले दीप्ति (Deepti Naval) ने अपनी इस इच्छा को अपने मन में ही रखा था। स्नातक की पढ़ाई करने के बाद जब उन्होंने अपने माता-पिता के सामने अपनी यह इच्छा रखी तो उनके पिता ने समझाया कि अभिनय केवल एक उम्र तक ही उनका साथ देगा, जबकि पेंटिंग वह ताउम्र कर सकती हैं। पिता ने फैसला बेटी पर ही छोड़ दिया था।आखिरकार दीप्ति नवल ने वर्ष 1975 में निर्देशक श्याम बेनेगल की फिल्म जुनून से बॉलीवुड में एंट्री की थी। दीप्ति को अभिनय का कोई अनुभव नहीं था। ‘

जुनून’ में केवल दो तीन दृश्यों में दिखीं, दीप्ति (Deepti Naval) ने अपने अभिनय की वास्तविक शुरुआत 1979 में ‘एक बार फिर’ से की, जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला। दीप्ति नवल ने लगभग 70 फिल्मों में काम किया है। ‘चश्मे बद्दूर’ ‘अंगूर’, ‘साथ-साथ, ‘कथा’, ‘एक बार चले आओ’, ‘दामुल’, ‘मिर्च-मसाला’, ‘लीला’ और ‘लिसन आमया’ अनकही’, ‘बवंडर,’ ‘फिराक’ फ्रीकी चक्र’ उनकी कुछ बेहतरीन फिल्में हैं। फिल्म ‘भिंडी बाजार में’ नकारात्मक किरदार भी बखूबी निभाया। इसके अलावा अभिनेत्री दीप्ति नवल ने पंजाबी में ‘मडी दा दीवा’, कन्नड़ में ‘माने’, मराठी में ‘अनाहत’ फिल्म में काम किया है। बता दें कि शबाना आजमी, स्मिता पाटिल, मार्क जुबेर, सईद मिर्जा जैसे थिएटर के मंझे हुए कलाकारों के बीच उन्होंने अपनी अभिनय प्रतिभा साबित की और समानांतर सिनेमा के लिए भी शबाना आजमी और स्मिता पाटिल के समान ही निर्देशकों की पहली पसंद बन गईं।

अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में Deepti Naval को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला

लीला’, ‘फिराक’, ‘मेमरीज इन मार्च’ और ‘लिसन अमाया’ जैसी कई फिल्मों में अपनी भूमिकाओं के लिए उन्हें कई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार दिया गया। फोटाग्राफी के शौक के चलते अपने कैमरे से खींची तस्वीरों से और अपनी कूची से उम्दा चित्रकारी कर उसमें रंग भरकर खाली कैनवास को जीवंत करके भी दीप्ति ने अपने कलाकार मन का परिचय दिया है, फोटाग्राफी के शौक को पूरा करते हुए उन्होंने ‘इन सर्च ऑफ स्काय’, ‘रोड बिल्डर्स’ और ‘शेड्स ऑफ रेड’ तस्वीर श्रृंखलाओं के माध्यम से फोटोग्राफी का हुनर दिखाया।

लेखन, निर्माण, निर्देशन में भी हाथ आजमाया

दीप्ति (Deepti Naval) ने फिल्मों में केवल अभिनय ही नहीं, किया बल्कि लेखन, निर्माण, निर्देशन में भी हाथ आजमाया। महिलाओं पर आधारित एक धारावाहिक ‘थोड़ा सा आसमान’ का लेखन और निर्देशन किया व एक यात्रा शो ‘द पाथ लेस ट्रैवल्ड’ का निर्माण किया। उन्होंने कई कला प्रदर्शनियों में उम्दा पेंटिंग्स बनाकर चित्रकारी के रंगों की छटा बिखेरी। कवयित्री के रूप में 1983 में उनका कविता संकलन ‘लम्हा-लम्हा’ प्रकाशित हुआ और 2004 में उनका एक कविता संग्रह ‘ब्लैक विंड एंड अदर पोयम्स’ प्रकाशित हुआ।

अभिनेता फारुख शेख के साथ Deepti Naval की जोड़ी दर्शकों ने खूब पसंद की

farookh shekh - Deepti Naval

फारुख शेख और दीप्ति नवल (Deepti Naval) की जोड़ी दर्शकों ने खूब सराही। फारुख शेख और दीप्ति नवल ने साथ में कई बढ़िया, सदाबहार फिल्में की हैं जो कि काफी लोकप्रिय हुईं। बता दें कि दीप्ति नवल और फारुख 1980 के दशक में फिल्म ‘चश्मे बद्दूर’, ‘किसी से न कहना’, ‘रंग बिरंगी’, ‘साथ- साथ’ ‘कथा’ ‘लिसेन अमाया’ जैसी कई फिल्मों में एक साथ अदाकारी की। दोनों ने ही समानांतर सिनेमा को आगे बढ़ाया। यहां हम आपको बता दें कि समानांतर सिनेमा की खासियत मनोरंजक और मर्मस्पर्शी फिल्में, अच्छी कहानियां, बेहतरीन निर्देशन, अच्छे कलाकार और कम बजट वाली फिल्में हुआ करती हैं।

प्रकाश झा के साथ विवाह किया

prakash jha - Deepti Naval

दीप्ति नवल (Deepti Naval) का वैवाहिक जीवन अच्छा नहीं रहा ।‌ उन्होंने मशहूर निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा के साथ विवाह किया । हालांकि कुछ समय बाद ही दोनों अलग हो गए । प्रकाश झा से उनका एक बेटा प्रियरंजन झा और एक बेटी दिशा झा हैं। उसके बाद दीप्ति प्रख्यात शास्त्रीय गायक पंडित जसराज के बेटे विनोद पंडित के करीब आईं। विवाह भी तय हो गया, लेकिन विवाह से पहले ही विनोद की असमय मृत्यु हो गई । इस समय वे कला के अलावा वह मानसिक रूप से बीमार लोगों के बारे में जागरूकता फैलाने के काम में भी लगी हैं और साथ ही वह लड़कियों की शिक्षा के लिए एक ट्रस्ट भी चलाती हैं।

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