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dehradun news: उत्तराखंड में भूमि जिहाद और मजार जिहाद के खिलाफ धामी सरकार सक्रियता से अभियान चला रही है। इसके बावजूद ऐसी घटनाएं निरंतर सामने आ रही हैं। देहरादून के प्रसिद्ध दून स्कूल परिसर में भी कुछ लोगों ने मजार का निर्माण कर लिया। हिंदू संगठनों के विरोध के बाद प्रशासन ने मामला बढ़ने से पहले ही मजार को गिरा दिया।

राजधानी दून स्कूल के प्रांगण में अप्रत्याशित रूप से मजार बनने से कई लोग हैरान हैं। इतने प्रतिष्ठित संस्थान में मजार बनाने के पीछे की मंशा स्पष्ट नहीं हो पाई है। सूचना मिलने पर डीएम सविन बंसल ने त्वरित जांच के बाद मजार को ध्वस्त करा दिया। हिंदू संगठन की राधा धोनी सेमवाल ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर लाइव वीडियो शेयर किया, जिसमें दून स्कूल की सीमा में मजार बनते हुए दिखाई दे रही है। इस पर सरकार और प्रशासन की ओर से त्वरित प्रतिक्रिया आई।

जिस जगह पर मजार बनाई जा रही थी, वहां से प्रवेश का कोई रास्ता नहीं था। डीएम सविन बंसल के निर्देश पर जब एसडीएम और सीओ मौके पर पहुंचे तो मजार का निर्माण कार्य चल रहा था। दिलचस्प बात यह है कि जहां मजार बनाई जा रही थी, वहां से स्कूल परिसर तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं था। अपने वीडियो में राधा धोनी ने कहा कि उन्होंने निर्माण रोकने के लिए स्कूल परिसर में घुसने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें अंदर जाने नहीं दिया गया।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश को उजागर करना जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि डीएम की अनुमति के बिना कोई मजार या धार्मिक संरचना नहीं बनाई जा सकती। दून स्कूल में जिस तरह से मजार का निर्माण किया जा रहा था, उसे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन माना जा रहा है। मजार निर्माण की जानकारी होने पर डीएम ने काम रुकवा दिया। जिला मजिस्ट्रेट सविन बंसल ने पहले मामले को वैध बनाने के लिए जांच के आदेश दिए, लेकिन बाद में मामले की गंभीरता को देखते हुए निर्माणाधीन मजार को गिराने का आदेश दिया।

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