Chandigarh News: वित्तीय संकट से जूझ रहा चंडीगढ़ नगर निगम अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए शहरवासियों पर टैक्स का बोझ डालने की तैयारी कर रहा है। चंडीगढ़ में नगर निगम की ओर से पंजाब की तर्ज पर बिजली बिलों पर टैक्स वसूलने का मसौदा तैयार किया जा रहा है. इसे इसी महीने 23 नवंबर को होने वाली निगम सदन की बैठक में चर्चा के लिए पेश किया जा सकता है, जिसे लेकर विपक्षी दल आप और कांग्रेस पार्टी के बीच गठबंधन पर सवाल उठा रहे हैं. बीजेपी पार्षद सौरव जोशी ने चंडीगढ़ हाउस को ट्वीट कर कहा कि आपने कहा था कि शहर में कोई टैक्स नहीं लगेगा, तो ये क्या है?
बता दें कि चंडीगढ़ निगम चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन ने चंडीगढ़ में 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा किया था. लेकिन अब 23 नवंबर को निगम सदन की बैठक में 6 फीसदी सेस बढ़ाने का प्रस्ताव लाया जा रहा है।
क्या कहते हैं निगम अधिकारी?
जानकारी के मुताबिक, ड्राफ्ट के मुताबिक नगर निगम पंजाब की तर्ज पर बिजली बिल पर सरचार्ज 10 पैसे प्रति यूनिट से बढ़ाकर 16 पैसे प्रति यूनिट करना चाहता है. इस संबंध में निगम प्रशासन का कहना है कि इस ड्राफ्ट के मुताबिक बिजली बिल से नगर निगम की आय 15-16 करोड़ से बढ़कर 22-23 करोड़ हो जायेगी और निगम को वित्तीय सहायता मिलेगी।
कांग्रेस और बीजेपी का विरोध
सोरव जोशी ने कहा कि आने वाले दिनों में नगर निगम के इस प्रस्ताव को सदन की बैठक में नगर पार्षदों के विरोध का सामना करना पड़ सकता है. पार्षदों का तर्क है कि नगर निगम आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. इसलिए निगम को शहरवासियों पर आर्थिक बोझ डालने के बजाय लाखों रुपये का बकाया वसूलने के लिए सख्त कदम उठाना चाहिए।
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी के पार्षद भी ड्राफ्ट के विरोध में नजर आ रहे हैं. चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष हरमोहिंदर सिंह लक्की और पार्षद गुरप्रीत गोपी का कहना है कि वे भी इस एजेंडे का विरोध करेंगे।
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