दिल्ली हाईकोर्ट का डीयू को निर्देश, उत्तर-पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में तेजी लाएं

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नई दिल्ली॥ दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) को निर्देश दिया है कि वह अपने सभी कॉलेजों को पत्र भेजकर कहे कि वे उत्तर-पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में तेजी लाएं ताकि अंडर ग्रेजुएट के फाइनल ईयर के छात्रों का रिजल्ट अक्टूबर के पहले हफ्ते में जारी किया जा सके। जस्टिस हीमा कोहली की अध्यक्षता वाली बेंच ने अगली सुनवाई 23 सितंबर को करने का आदेश दिया।

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सुनवाई के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा कि डीन ऑफ एग्जामिनेशन के लिए ये काफी मुश्किल है कि वो विभिन्न कॉलेजों के विभागाध्यक्षों पर अपनी इच्छा थोपें। प्रोफेसर रावत ने कहा कि उन्हें कंफर्ट लेटर के लिए 9,00 लेटर मिले हैं। उनमें से हमने 292 ई-मेल को चयनित किया है। इनमें से 14 पीजी के हैं।

तब कोर्ट ने पूछा कि क्या ये सभी भारतीय यूनिवर्सिटीज के लिए हैं। तब प्रोफेसर रावत ने कहा कि इसका हमें पता नहीं। हमें पता करना होगा कि क्या उन नौ सौ आवेदनों में भारतीय यूनिवर्सिटीज के लिए भी आवेदन आए हैं। तब कोर्ट ने पूछा कि क्या यूजीसी ने ये नहीं कहा था कि भारतीय यूनिवर्सिटीज 30 सितंबर के बाद भी रिजल्ट के लिए जोर नहीं देंगी।

दिल्ली यूनिवर्सिटी की ओर से वकील एम रुपल ने कहा कि हम केवल विदेशी यूनिवर्सिटीज पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। कोर्ट इसे स्पष्ट करे। हमारे पास सीमित मैनपावर है। हमें रिजल्ट जारी करने का काम करना है। रुपल ने कहा कि विदेशी यूनिवर्सिटीज को कंफर्ट लेटर जारी करने के लिए छात्रों के आवेदन करने की समय सीमा तय की जा सकती है।

तब कोर्ट ने कहा कि आपका नोटिफिकेशन ओपन-एंडेड था। हम इसके लिए 18 सितंबर तक का समय दे सकते हैं। तब प्रोफेसर रावत ने कहा कि पीजी छात्रों के मूल्यांकन का काम इस महीने के अंत तक पूरा हो जाएगा। तब कोर्ट ने कहा कि केवल 15 छात्र हैं। अगर 50 हों तब भी इस महीने के अंत तक काफी ज्यादा समय है।

कोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पूछा कि क्या आप 25 सितंबर तक गोपनीय रिजल्ट जारी कर सकते हैं। तब रावत ने कहा कि यह संभव नहीं है। तब कोर्ट ने कहा कि 30 सितंबर तक उन पीजी छात्रों का रिजल्ट जारी करें जिन्होंने विदेशी यूनिवर्सिटीज में दाखिले के लिए आवेदन किया है। तब रावत ने कहा कि रिजल्ट भेज देंगे । तब कोर्ट ने कहा कि भेज नहीं देंगे रिजल्ट जारी करें। तब रावत ने कहा कि ठीक है।

 

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