चीन और हिंदुस्तान के मध्य लद्दाख समेत कई क्षेत्रों में तनाव कम होने नाम नहीं ले रहा है। ड्रैगन का ताइवान के साथ भी विवाद बढ़ा हुआ है। अक्टूबर के पहले सप्ताह में ड्रैगन के 150 से ज्यादा लड़ाकू विमान ताइवान की सरहद में आ गए थे।
चीनी प्रेसिडेंट ने पिछले दिनों कहा था कि वह किसी भी स्थिति में ताइवान को चीन में मिलाएंगे। इस पर ताइवान की प्रेसिडेंट ने कहा है कि एक उचित कारण हमेश से समर्थन आकर्षित करता है। हम अपने देश की सुरक्षा और अपने लोगों की रक्षा के साथ ही क्षेत्रीय शांति बनाने के लिए हर मुमकिन प्रयास कर रहे हैं। हम वह सब कर रहे हैं जो कि हम कर सकते हैं। हम साथ कार्य करने वाले समान विचारधारा वाले मुल्कों की तारीफ करते हैं।
हिंदुस्तान और ड्रैगन के मध्य बढ़े तनाव को लेकर कई विशषेज्ञों का मानना है कि हिंदुस्तान को अपनी चीन पॉलिसी पर फिर से विचार करने की आवश्यकता है। बहुतों ने बताया कि हिंदुस्तान को चीन की वन चाइना पॉलिसी के विरोध में आना चाहिए तो कइयों ने तिब्बत कार्ड आदि खेलने की हिदायत दी है। किंतु कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि हिंदुस्तान ताइवान के साथ मजबूत संबंध बनाकर चीन को कड़ा संदेश दे सकता है।