उत्तराखंड में बैसाखी पर क्यों सूंघते हैं नींबू के पत्ते, पीछे की वजह है बहुत खास

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उत्तराखंड के कुमाऊं के कई क्षेत्रों में बैसाखी के त्योहार को बिहारी के नाम से मनाया जाता है। इस दिन दो दिन तक अलग अलग स्थानों पर मेला लगता है। होली के दिन देवभूमि के कई क्षेत्रों में नींबू की पूजा होती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पूजा के बाद नींबू के पेड़ के पत्तों और फूलों को सूंघा जाता है। गर्मियों में नींबू का सेवन करने से गर्मियों में फैलने वाली बीमारियां नहीं होती। तो आईये आज इस खबर में जानते हैं कि आखिर नींबू के क्या कुछ फायदे हो सकते हैं।

नींबू की पत्तियों में खूब एंटीऑक्सीडेंट होता है। बताया जाता है कि एंटीऑक्सीडेंट शरीर के असर में आकर ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने के साथ ही माइग्रेन की दिक्कत को भी सुधारता है।

विशेषज्ञ माइग्रेन और मानसिक रोगों से राहत पाने के लिए नींबू के पत्तों को सूंघने की हिदायत देते हैं। नींबू को सूंघने से ही तनाव दूर हो जाता है। ये कुछ वक्त से आपको एनर्जेटिक फील भी करा सकता है। इसकी खुशबू हमारे बिहेवियर और भावनाओं पर प्रभाव डालती है, जिससे हमारा मूड जल्दी फ्रेश हो जाता है।

डॉक्टर बताते हैं कि लंबे अरसे से नींबू का उपयोग करने से तनाव कम करने में ये बहुत कारगर है। नींबू की महक दिमाग को एक्टिव बनाकर क्रिएटिव फंक्शन में सुधार करती है। नींबू की खुशबू मनुष्यों में सेरोटोनिन नामक हैप्पी हॉर्मोन को क्रिएट करती है, जो आपमें खुशी को बढ़ाता है। इससे आपकी थकान दूर होती है और अच्छी नींद आती है। साथ ही नींबू की पत्तियों में एलिमेंट गुण पाए जाते हैं। ये पेट के कीड़ों को खत्म करता है। नींबू के पत्तों के रस में शहद मिलाकर सेवन करने से आपका पेट भी ठीक होता है। साथ ही यदि आपकी किडनी में स्टोन हो जाता है तो ये आपके लिए किसी रामबाण से कम नहीं है। 

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