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chanakya niti: चाणक्य नीति के अनुसार तीन कारण होते हैं जिनके कारण घर में कभी भी धन-संपत्ति नहीं टिकती है। अगर घर में ये तीन चीजें मौजूद हैं तो वहां कभी भी मां लक्ष्मी का वास नहीं होता है।

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अगर घर में भगवान का नाम नहीं लिया जाए तो घर में कभी खुशियां नहीं आतीं।

चाणक्यनीति के मुताबिक मनुष्य को कभी भी गलत तरीके से कमाया हुआ धन अपने घर में नहीं लाना चाहिए। ऐसे घर में हमेशा नकारात्मकता बनी रहती है

हालाँकि घर में हमेशा वाद-विवाद और झगड़े होते रहते हैं, घर की सुख-समृद्धि चली जाती है। हमेशा नकारात्मकता रहती है और काम नहीं हो पाते।

चाणक्य का जन्म लगभग 350-375 ईसा पूर्व में नालंदा, बिहार में हुआ था। उनकी माता का नाम 'विष्णु' और पिता का नाम 'चाणक' था, जो एक ब्राह्मण थे। चाणक्य का संबंध एक विद्वान परिवार से था, और वे बचपन से ही अध्ययन में रुचि रखते थे। चाणक्य ने नालंदा विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की, जहां उन्होंने वेद, संस्कृत, राजनीति, अर्थशास्त्र और अन्य विषयों का गहन अध्ययन किया।

चाणक्य की शिक्षाएं न केवल राजनीति में बल्कि व्यक्तिगत जीवन में भी महत्वपूर्ण हैं। उनके कुछ प्रमुख विचारों में शामिल हैं:

"शिक्षा सबसे बड़ा धन है।"
"जिसने अपने मन को नियंत्रित किया, उसने सब कुछ नियंत्रित किया।"
"आपका सबसे बड़ा दुश्मन आपके भीतर है।"
 

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