माता जन्मदात्री है। वह जन्म देने के साथ ही परिवार को संस्कारित करती हैं, संवारती है। अपने बच्चों का पालन-पोषण करती हैं। माता की ही तरह पिता भी परिवार की धुरी होता है। जिस तरह सौर्य परिवार का मुखिया सूर्य होता है और सौर्य परिवार के सभी गृह अपने मुखिया आर्थर सूर्य की परिक्रमा करते रहते हैं, उसी तरह परिवार के सारे सदस्य पिता की परिक्रमा करते हैं। पिता ही परिवार के नायक हैं, आत्मविश्वास के स्तंभ हैं।
पिता परिवार की रीढ़ होते हैं। जीवन को अनुशासित, नैतिक बनाने और हर मोड़ पर मार्गदर्शन प्रदान करने में बच्चों के जीवन में अहम भूमिका निभाते हैं। अवधि बोली में कहावत भी है – ‘बाढ़ें पूत पिता के धर्में, खेती उपजे अपने कर्मे’। पिता के ऊपर यह कहावत आज भी पूरी तरह से चरितार्थ है।
पिता का जीवन पर्यन्त अपने बच्चों का जीवन सवांरने, उनकी हर ख्वाइश पूरी करने के लिए संघर्ष करता है। इसे वह अपना पवन कर्तव्य मानता है। पिता भले ही कभी मां की तरह खुलकर बच्चों के प्रति अपने प्यार को जाहिर नहीं करता है, लेकिन उनकी जिंदगी का मकसद अपने बच्चे की तरक्की और खुशहाली ही रहती है।
पिता हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। एक पिता-पुत्र, पुत्री का रिश्ता बहुत ही अंतरंग होता है। यह दिन इस रिश्ते को और मजबूत करता है। फादर्स डे हमें पिता के प्रति अपने प्यार, प्रशंसा कृतज्ञता को व्यक्त करने का अवसर देता है।
यह दिन दुनिया भर में पिता के बलिदानों की सराहना करता है। फादर्स डे एक अच्छा मौका है, अपने पिता को ये बताने का कि आप उन्हें कितना समझते हैं और परिवार को साथ लेकर चलने के उनके संघर्ष की अनुभूति आपको है। इस दिन अपने बच्चों से विशेष सम्मान पाकर पिता खुद पर गर्व महसूस करते है। इसलिए बच्चे भी भावनात्मक रूप से अपने पिता के करीब आते है। इस तरह फादर्स डे का मुख्य मकसद पिता का सम्मान करते हुए उनके आदर्श पथ पर चलकर आदर्श परिवार और समाज की स्थापना करना है।