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टीम इंडिया पिछले एक दशक से निरंतर बड़े मंचों पर असफल हो रही है। टीम इंडिया के सामने आईसीसी ट्रॉफी का सूखा खत्म करने की बड़ी चुनौती है। निकट भविष्य में ट्वेंटी-20 विश्व कप होने वाला है, ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि क्या भारतीय कप्तान सभी भारतीयों का सपना पूरा कर पाएंगे।

उम्मीद थी कि भारतीय टीम वनडे वर्ल्ड कप 2023 में आईसीसी ट्रॉफी का सूखा खत्म कर देगी। लेकिन, निरंतर दस मैच जीतने वाली भारतीय टीम फाइनल मुकाबले में ताकतवर ऑस्ट्रेलिया से हार गई।

इसी बीच भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी युवराज सिंह ने टीम की बेहतरी के लिए टीम इंडिया के साथ काम करने की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि वह भविष्य में भारतीय क्रिकेट टीम को आने वाली चुनौतियों के लिए मानसिक रूप से तैयार करने के लिए 'गुरु' की भूमिका निभाना चाहेंगे।

बीते वर्ष वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत ऑस्ट्रेलिया से हार गया और आईसीसी ट्रॉफी का इंतजार और भी लंबा हो गया। दरअसल, भारत ने आखिरी बार चैंपियंस ट्रॉफी 2013 में महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में जीती थी, जबकि पिछला विश्व कप 2011 में जीता था। इसलिए सभी भारतीय चाहते हैं कि भारतीय टीम आईसीसी खिताब जीते।

एक कार्यक्रम में बोलते हुए भारत के सिक्सर किंग ने कई मुद्दों पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि वह (भारतीय टीम) कई बार बड़े मंच पर अच्छा खेले हैं लेकिन फाइनल में हार गये। मैं 2017 में एक फाइनल का हिस्सा था। तब चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत को पाकिस्तान से हारना पड़ा था।

उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि एक देश और एक भारतीय टीम के रूप में हमें दबाव में अच्छा प्रदर्शन करना होगा। मुझे लगता है कि यह युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करने, उन्हें यह सिखाने के बारे में है कि दबाव को कैसे संभालना है और दबाव में कैसे प्रदर्शन करना है। ये एक चुनौती बन गया है।

ये भी उन्होंने कहा कि इसलिए मुझे लगता है कि खिलाड़ियों को सीखना चाहिए कि दबाव में कैसे खेलना है। मैं भविष्य में भारतीय टीम के खिलाड़ियों का मार्गदर्शन करना चाहूंगा।

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