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Up Kiran, Digital Desk: राजस्थान में अपने घर का सपना देख रहे लोगों को अब ज्यादा खर्च करना होगा। राज्यभर की विभिन्न कॉलोनियों में ज़मीन खरीदने की लागत अचानक बढ़ गई है, क्योंकि हाउसिंग बोर्ड ने आरक्षित दरों में 8% से लेकर 44% तक की बढ़ोतरी कर दी है। इस बदलाव से मध्यम वर्ग और पहली बार घर खरीदने की योजना बना रहे परिवारों की जेब पर सीधा असर पड़ेगा।

जयपुर में सबसे बड़ा झटका
राजधानी जयपुर के नागरिकों को इस बढ़ोतरी का सबसे ज्यादा खामियाजा उठाना पड़ेगा। यहां वाटिका योजना की जमीन दरें ₹4,890 से सीधी छलांग लगाकर ₹7,045 प्रति वर्गमीटर हो गई हैं। प्रताप नगर में यह दरें ₹19,465 से बढ़कर ₹23,870 हो गई हैं, जबकि मानसरोवर की जमीन अब ₹41,095 प्रति वर्गमीटर में मिलेगी, जो पहले ₹33,315 थी। जगतपुरा की इंदिरा गांधी नगर योजना में भी दरों में बड़ी बढ़त दर्ज की गई है—₹19,395 से बढ़कर ₹23,850।

अन्य शहरों में भी जेब पर असर
जयपुर ही नहीं, जोधपुर, अजमेर, कोटा, अलवर और उदयपुर जैसे प्रमुख शहरों की योजनाओं में भी जमीन की कीमतें 8% से 9% तक बढ़ा दी गई हैं। जोधपुर की बड़ली योजना में दरें ₹4,900 से बढ़कर ₹5,320 हो गईं, जबकि विवेक विहार में यह ₹28,490 तक पहुंच गई है।

उदयपुर, अलवर और अजमेर भी नहीं बचे
उदयपुर के गोवर्धन विलास की जमीन अब ₹23,190 प्रति वर्गमीटर में मिलेगी, जबकि पहले यह ₹21,370 थी। अलवर की बी-10 योजना में दर ₹6,800 से बढ़कर ₹7,380 हो गई है, वहीं भिवाड़ी की अरावली विहार योजना की नई दर ₹10,040 प्रति वर्गमीटर तय की गई है। अजमेर की किशनगढ़ योजना भी पीछे नहीं रही—यहां दरें ₹11,025 से बढ़कर ₹11,965 हो गई हैं।

जनता की चिंता बढ़ी, विशेषज्ञ भी चिंतित
विशेषज्ञों का मानना है कि हाउसिंग बोर्ड की यह बढ़ोतरी न केवल मकान खरीदने वालों को प्रभावित करेगी, बल्कि बिल्डर्स, निवेशकों और रियल एस्टेट सेक्टर की गतिविधियों पर भी असर डालेगी। पहले से महंगाई से जूझ रही जनता के लिए यह कदम एक और आर्थिक बोझ बन सकता है।

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