दुनिया के सभी देश आज अंतरिक्ष में अपनी पहुंच बढ़ाने में लगे हुए हैं। सभी देशों की स्पेस एजेंसियों की दिलचस्पी आज चाँद में है। लेकिन आखिर ऐसा क्यों है? दरअसल चाँद पर एक खजाना छुपा है।
खजाना सुनकर आपके दिमाग में सोना चांदी आ रहा होगा। लेकिन चाँद पर जो खजाना है वह इन सब से भी कीमती है। आइए जानते हैं उस खजाने के बारे में जिसे खोजने के लिए पूरी दुनिया चाँद पर जा रही है।
अंतरिक्ष की रेस कभी अमेरिका और सोवियत संघ के भी चल रही थी लेकिन आज के समय इसमें भारत और चीन भी शामिल हो गया है। भारत जल्द ही चंद्रयान-3 लॉन्च करने वाला है।
अगर ये सफल हुआ तो ऐसा करने वाला पहला मिशन बन जाएगा। इस मिशन के तहत इसरो का विक्रम और प्रज्ञान रोवर चाँद की सतह पर उतरेंगे। चंद्रयान टू की लैंडिंग के दौरान मिशिन फेल हो गया था और विक्रम लैंडर क्रैश कर गया था।
पिछली गलतियों से सीखते हुए इस बार तकनीकी पहलुओं पर जबरदस्त काम किया गया है। तमाम तरह के टेस्ट किए गए हैं जो कामयाब रहे हैं। इस बार इसरो को भरोसा है कि ये मिशन कामयाब होकर रहेगा। लेकिन आखिर चाँद पर एक बार असफल होने के बाद भारत फिर ट्विस्ट पर जाना चाहता है।
आइए जानें उस बेशकीमती खजाने के बारे में चाँद पर कई ऐसी खनिज और कीमती है, जो धरती पर नहीं मिलते।
हिलियम-3 नाम का कैमिकल उन्हीं में से एक है। इसी के पीछे पूरी दुनिया भाग रही है। ये चीज धरती पर बेहद कुछ मात्रा में है। हिलियम-3 एक नॉन रेडियोएक्टिव तत्व है। इंसानों के लिए ये भविष्य में क्लीन एनर्जी का स्रोत बन सकता है।
यूरेनियम से सौ गुना ज्यादा ऊर्जा पैदा कर सकता है और नॉन रेडियोएक्टिव होने के कारण ये खतरनाक भी नहीं है। विशेषज्ञों के मुताबिक अगर तीन चम्मच हिलियम को लिया जाए और इसका फ्यूजन कराया जाए तो ये पाँच हजार टन कोयले के बराबर होगा।
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