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Up Kiran, Digital Desk: कभी-कभी चुप्पी, तूफ़ान से पहले की होती है। और भारत की चुप्पी, शायद उसी सन्नाटे की तरह थी जो पहलगाम में 26 नागरिकों के बेरहम नरसंहार के बाद देशभर में फैल गया था। दो सप्ताह तक देश आक्रोश और शोक के दो पाटों के बीच झूलता रहा। फिर आई 6 मई की रात—जिसने 'ऑपरेशन सिंदूर' के ज़रिए उस खामोशी को आवाज़ दी और वह आवाज़ थी – प्रतिशोध की।
एयरस्ट्राइक: जब रात का सन्नाटा गरजने लगा
मंगलवार देर रात भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों को निशाना बनाकर जवाबी कार्रवाई की। सूत्रों के अनुसार, इस एयरस्ट्राइक में लगभग 90 आतंकियों को ढेर कर दिया गया है। यह हमला एक रणनीतिक जवाब माना जा रहा है, जिसका मकसद सिर्फ बदला लेना नहीं बल्कि ये भी जताना था कि भारत अपने नागरिकों पर हुए किसी भी हमले को माफ नहीं करेगा।
हमले के वक्त कैसे थे हालात
भारतीय सशस्त्र बलों ने 9 आतंकी अड्डों पर हमले किए, जिनमें से कुछ पीओके में स्थित थे। सबसे तीव्र हमला मुजफ्फराबाद में दर्ज किया गया, जहां स्थानीय लोगों के अनुसार, “धरती बार-बार हिल रही थी और मस्जिदों से एलान हो रहा था कि लोग घर छोड़कर भाग जाएं।”
स्थानीय निवासी मोहम्मद शैर मीर ने बताया कि जैसे ही बाहर निकले, जोरदार धमाका हुआ। सब लोग डर से कांप उठे। मस्जिद की मीनार गिर गई, बिलाल मस्जिद की छत उखड़ गई। लोगों का दावा है कि करीब 10-15 मिसाइलें दागी गईं, जो रणनीतिक ठिकानों पर सीधी गिरीं।
पाकिस्तान में खलबली और सियासी प्रतिक्रिया
भारत के इस कदम के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने पूरे क्षेत्र में आपातकाल लागू कर दिया है। सभी चिकित्सकों और सुरक्षाबलों की छुट्टियाँ रद्द कर दी गई हैं। पाकिस्तानी सेना ने भी माना है कि हमलों में 26 लोगों की मौत और 46 से अधिक घायल हुए हैं।
भारत की तरफ से अब तक इस ऑपरेशन को लेकर आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, मगर विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि "भारत अपने नागरिकों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा।"
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