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नई दिल्ली। आतंकवाद एवं अलगाववाद के खिलाफ सरकार की मुहिम जारी है। आतंकवादी संगठनों को खत्म करने के लिए निर्णायक कदम उठाये जा रहे हैं। इस क्रम में गृह मंत्रालय ने रविवार को तहरीक-ए-हुर्रियत जम्मू कश्मीर को यूएपीए के तहत गैर-क़ानूनी संगठन क़रार दिया गया है। यह जानकारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया X पर दी है। इससे पहले सरकार ने गत 27 दिसंबर को मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाया था।

अमित शाह ने सोशल मीडिया पर लिखा कि ये संगठन जम्मू कश्मीर को भारत से अलग करने और इस्लामिक राज लाने से जुड़ी गतिविधियों में शामिल था। अमित शाह ने कहा कि ये संगठन भारत विरोधी प्रचार और जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने में में शामिल था। 
श्री शाह ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद पर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है और इसके तहत देश विरोधी गतिविधि में शामिल किसी भी संगठन या व्यक्ति को बख़्शा नहीं जाएगा।

गौरतलब है कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस जम्मू कश्मीर के 26 संगठनों का समूह है, जिसका गठन 1993 में किया गया था। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस में कई ऐसे संगठन शामिल हैं, जो पाकिस्तान समर्थक और अलगाववादी माने जाते हैं। इनमें जमात ए इस्लामी, जेकेएलएफ और दुखतरान ए मिल्लत आदि का नाम शामिल है। साल 2005 में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस दो गुटों में विभाजित हो गया। इसके नरमपंथी गुट का नेतृत्व मीरवाइज उमर फारुख ने और चरमपंथी गुट का नेतृत्व सैयद अली शाह गिलानी कर रहे थे। 
 

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