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राजस्थान॥ उदयपुर के प्रतापनगर थाना क्षेत्र में लकड़वास सूखा नाका के पास लगभग 5 महीने पहले 16 नवम्बर 2020 को मिले अज्ञात शव के मामले में पुलिस ने शुक्रवार को बड़ा खुलासा किया। मामले में सामने आया है कि मृतक के बड़े भाई के मृतक की पत्नी के साथ अवैध सम्बंध थे जिसके चलते बड़े भाई ने सुपारी देकर हत्या को अंजाम दिया, इस साजिश में मृतक की पत्नी भी शामिल थी। बता दें कि मृतक ने अपनी पत्नी को बड़े भाई के साथ गंदी हालत में देख लिया था।

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एसपी राजीव पचार ने मीडिया को बताया कि मशक्कत के बाद मृतक की पहचान उत्तमदास पुत्र मनमोहन दास निवासी नागपाड़ा अगरतला त्रिपुरा के रूप में हुई। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की तब पुलिस की स्पेशल टीम के कॉन्स्टेबल प्रहलाद पाटीदार को मुखबिर से सूचना मिली थी कि कुछ लोग एक मृत प्रमाण पत्र बनवाने की बात कहते हुए कई पंचायतों के चक्कर लगा रहे हैं।

इस टीम ने जब दो लोगों पर निगरानी रखी, तो किसी व्यक्ति की मौत के बाद फर्जी मृत प्रमाण पत्र बनवाने की बात सामने आई। टीम ने जब दोनों लोगों को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो उन्होने अपने 3 अन्य साथियों के साथ मिलकर एक हत्या की वारदात को करना स्वीकार किया। आरोपितों के अनुसार उन्हें त्रिपुरा के एक तपनदास नाम के व्यक्ति ने हत्या की सुपारी दी थी। स्पेशल टीम और प्रतापनगर थाना पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़ी तो मृतक के बड़े भाई तपनदास और उसकी पत्नी श्रीमती रूपादास के अवैध संबंधों का होना सामने आया।

एसपी राजीव पचार ने बताया कि पूछताछ में सामने आया कि मृतक के बड़े भाई तपनदास ने 12 लाख 50 हजार रुपये की उदयपुर में अपने परिचित राकेश लोहार को दी। इसके बाद उत्तमदास को उसकी पत्नी व अन्य आरोपितों के साथ उदयपुर में काम करने की साइट दिखाने के बहाने जयपुर होते हुए उदयपुर भेजा। जयपुर से उदयपुर के रास्ते में हत्या करना तय हुआ था, लेकिन यह संभव नहीं हुआ।

इस तरह की थी हत्या

तब तपनदास हवाईजहाज से उदयपुर आया। उसने उदयपुर में राकेश लोहार, सुरेन्द्र लोहार, अजय यादव, जयवर्धन सिंह शक्तावत के साथ मिलकर उत्तमदास को साथ लिया और कार में निकले। रास्ते में बीयर ली और उत्तमदास की बीयर में नींद की गोलियों का पाउडर मिला दिया। उत्तमदास के बेसुध होने के बाद बेल्ट से उसका गला घोंट हत्या कर दी गई। उसके शव को उदयसागर के सूखानाका क्षेत्र में बोरे में डालकर फेंक दिया।

उसके बाद तपनदास ने खुद यहां से गांव जाकर उसकी मौत का कारण कोरोना बता दिया। इसके बाद सब रिवाज भी करवाये। पत्नी रूपादास एलआईसी के पैसे चाहती थी जिसके लिए मृत्यु प्रमाण पत्र जरूरी था और राकेश लोहार की मदद से फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने का प्रयास किया जा रहा था।

पुलिस ने मामले में तपनदास पुत्र स्व मनमोहन दास निवासी हाल मकान नम्बर 6, फटासील, असाम इलेक्ट्रीसिटी बोर्ड के पास, जिला कमरूप मेट्रो, आसाम एवं सह अभियुक्त श्रीमती रूपादास पत्नी मृतक उत्तमदास निवासी मकान नम्बर 76, धरघाट श्री पुल्ली, अगरतला वेस्ट त्रिपुरा, राकेश लोहार पुत्र डालचंद निवासी लोहारों को मोहल्ला, खेमली, डबोक, उदयपुर, सुरेन्द्र लोहार पुत्र स्व. गणेश लाल निवासी मकान नम्बर 619 रोड नम्बर 2 पुरोहितान की मादडी, प्रतापनगर, उदयपुर, संजय हरिजन पुत्र किशोर निवासी कृष्णपुरा, भूपालपुरा, हाल चित्रकूट नगर, यूआईटी कॉलोनी, सुखेर, उदयपुर, अजय पुत्र शंकर लाल यादव निवासी काला भाटा हनुमान मन्दिर के पास, हाल किराये से आकाशवाणी आपो मोबाइल वाली गली, प्रतापनगर, उदयपुर तथा जयवर्धन सिंह पुत्र रमेश सिंह निवासी मकान नम्बर 32, ज्योतिबा फुले काॅलेज के सामने, रोड नम्बर 1 मादड़ी, प्रतापनगर, उदयपुर को गिरफ्तार किया है।

 

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