लखीमपुर खीरी : तिकुनिया गांव में रविवार को हुए बवाल के निशान सोमवार को सड़क से खेत तक बिखरे नजर आए। कहीं केंद्रीय गृह राज्यमंत्री की कार जली पड़ी थी तो कहीं प्रदर्शन करने वाले किसानों की चप्पलें। दूसरे दिन भी जले वाहनों को देखने वालों का तांता लगा था। माहौल काफी तनावपूर्ण था इसलिए बड़ी तादात में फोर्स भी तैनात की गई थी।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि रविवार दोपहर करीब दो बजे वे लोग महाराजा अग्रसेन इंटर कॉलेज के मैदान में बैठे थे। उन लोगों का मकसद सिर्फ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को काले झंडे दिखाना था लेकिन रूट बदलने से उनका मकसद कामयाब हो गया। वे लोग अपने घर लौटने के लिए सड़क पर आ गए।
इसी बीच केंद्रीय मंत्री के बेटे के काफिले की कारों ने वहां कोहराम मचा दिया। तेज रफ्तार कार सीधे किसानों पर चढ़ा दी गई। वे लोग कुछ समझते इससे पहले ही उनके दो साथियों की मौत हो चुकी थी। दो गंभीर घायल थे। एक को तिकुनिया के अस्पताल और दूसरे को लखीमपुर खीरी भेजा गया लेकिन कुछ ही देर में उनकी मौत की खबर आ गई। इसके बाद से ही वहां विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया जो सोमवार दोपहर दो बजे तक जारी रहा।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री को लेकर किसानों में आक्रोश साफ नजर आया। तिकुनिया से लेकर आसपास के पूरे क्षेत्र में लगे उनके सभी पोस्टर ढूंढकर फाड़ दिए गए। कुछ जगह तो उनके होर्डिंग और बैनर तलवारों से भी काटे गए। लोगों का कहना था कि मंत्री उन लोगों को पहले से ही धमका रहे थे।