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Up kiran,Digital Desk : ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी (सेवानिवृत्त) ने पहली बार विस्तार से अपनी बात रखी है। उनका कहना है कि जब पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाना शुरू किया और हालात धीरे-धीरे नियंत्रण से बाहर जाने लगे, तब भारतीय वायुसेना ने बिना देरी किए सटीक और प्रभावी जवाब दिया। इस जवाब में पाकिस्तान के उन ठिकानों को निशाना बनाया गया, जहां उसे सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा।

पूर्व वायुसेना प्रमुख के मुताबिक, अप्रैल में पहलगाम में हुआ आतंकी हमला एक बड़ा मोड़ था। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी। इसके बाद भारत सरकार ने बेहद साहसिक और स्पष्ट फैसला लिया। इसी फैसले के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में मौजूद आतंकी ढांचे को निशाना बनाते हुए ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया गया। यह सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि सेना, नौसेना और वायुसेना की संयुक्त और बेहद सटीक योजना का नतीजा थी।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और भारत की तैयारी

एयर चीफ मार्शल चौधरी ने बताया कि भारत को पहले से अंदाजा था कि पाकिस्तान पलटकर कार्रवाई करने की कोशिश करेगा। पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलों के जरिए भारतीय सैन्य ठिकानों के साथ-साथ नागरिक इलाकों को भी निशाना बनाने का प्रयास किया। यहां तक कि उधमपुर में स्थित अस्पताल को भी लक्ष्य बनाया गया। लेकिन भारत की एकीकृत वायु रक्षा प्रणाली पूरी तरह सतर्क थी। हर हमले को समय रहते नाकाम कर दिया गया और देश के भीतर किसी बड़े नुकसान की नौबत नहीं आई।

निर्णायक पल में सीधा पलटवार

उन्होंने बताया कि जब पाकिस्तान ने भारतीय एयरबेस पर हमले शुरू किए, तब जवाब देने का फैसला लिया गया। नौ और 10 मई की रात भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के एयरबेस और अहम सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले किए। इन हमलों में पाकिस्तान की हवाई क्षमताओं को गंभीर नुकसान पहुंचा। हालात ऐसे बन गए कि उसे संघर्ष रोकने के संकेत देने पड़े।

तकनीक और खुफिया तंत्र बना ताकत

पूर्व वायुसेना प्रमुख ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में आधुनिक हथियारों, उन्नत मिसाइलों और लड़ाकू विमानों की बड़ी भूमिका रही। इसके साथ ही मजबूत खुफिया तंत्र, सैटेलाइट निगरानी और रियल-टाइम जानकारी ने हमलों को बेहद सटीक बनाया। उनका कहना है कि आज की तकनीक के दौर में छिपना मुश्किल है और भारत ने इसका पूरा फायदा उठाया।

उनके मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर ने यह साफ संदेश दिया कि भारत अपनी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा और जरूरत पड़ने पर निर्णायक कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगा।