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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अलगाववादी संगठनों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की है। सरकार ने जेल में बंद अलगाववादी नेता यासीन मलिक के नेतृत्व वाले जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट, जम्मू कश्मीर पीपुल्स फ्रीडम लीग और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स लीग के चार धड़ों पर प्रतिबंध बढ़ा दिया दिया है। केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि ‘जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट’ पांच साल के लिए एक गैरकानूनी संगठन रहेगा। बताते चलें कि वर्ष 2019 में गृह मंत्रालय ने आतंकवाद विरोधी कानून, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (UAPA) के तहत मलिक के संगठन को पाबंद कर दिया था।

इसी तरह की एक अलग अधिसूचना में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जेकेएलएफ पीपुल्स लीग के चार धड़ों, जेकेपीएल (मुख्तार अहमद वाजा), जेकेपीएल (बशीर अहमद तोटा), जेकेपीएल (गुलाम मोहम्मद खान) और याकूब शेख के नेतृत्व वाले जेकेपीएल (अजीज शेख) पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। बताते चलें कि केंद्र सरकार यूएपीए की धारा 3(1) के तहत जमात-ए-इस्लामी (JEI-J&K) पर काफी पहले ही प्रतिबंध लगा दिया था।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति या संगठन देश की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता को चुनौती देगा तो उसे कठोर कानूनी परिणाम भुगतने होंगे। शाह ने कहा कि प्रतिबंधित संगठन जम्मू-कश्मीर में आतंक और अलगाववाद को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में शामिल है।

अमित शाह ने कहा कि इसी तरह जम्मू कश्मीर पीपुल्स फ्रीडम लीग ने आतंकवाद के जरिए जम्मू कश्मीर को अलग थलग करने और उसे बढ़ावा देकर भारत की अखंडता के लिए खतरा पैदा किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार आतंकी गतिविधियों में शामिल लोगों और संगठनों के प्रति कठोर बनी रहेगी। 

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