केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर चौंकाने वाले फेरबदल करते हुए हाईस्कूल तक तीन भाषाओं की पढ़ाई अनिवार्य करने का निर्णय लिया है। उनमें से कम से कम दो भाषाएँ भारतीय होनी चाहिए। इसलिए ग्यारहवीं-बारहवीं स्तर पर एक के बजाय दो भाषाएँ पढ़नी होंगी। प्रस्ताव में कहा गया है कि उनमें से कम से कम एक मूल भारतीय भाषा होनी चाहिए।
भारतीय भाषाओं में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सीबीएसई ने ये फेरबदल करने का निर्णय लिया है। सीबीएसई ने बीते वर्ष दिसंबर में स्कूलों को सूचित किया था और इस संबंध में निर्देश मांगे थे। स्कूलों से सुझाव मांगने के बाद ये बदलाव लागू किए जाएंगे। सीबीएसई के प्रस्ताव में कहा गया है कि ये बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप किए जा रहे हैं।
10वीं कक्षा में दस विषय
छात्रों को 9वीं-10वीं कक्षा में पास होने के लिए 10 विषय पढ़ने होंगे। इसमें तीन भाषाएं और सात मुख्य विषय होंगे। वर्तमान में तीन मुख्य विषय और दो भाषाएँ हैं। तीन अनिवार्य भाषाओं में से दो भारतीय होनी चाहिए। इसके अलावा 12वीं में छह विषय होंगे।
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