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महराजगंज ॥ सरकार की मंशा है कि वर्ष 2025 तक देश टीबी मुक्त हो जाए। कोरोना काल में भी टीबी मरीजों की तलाश जारी है। अब विभाग ने टीबी मरीजों की जियो टैंगिग शुरू कर दिया है। इस कार्य के लिए स्वास्थ्य कर्मी टीबी मरीजों के घर जाकर उनकी लोकेशन निक्षय पोर्टल पर दर्ज कर रहे हैं। जियो टैंगिंग में 15 स्वास्थ्य कर्मी लगाए गए हैं।

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जिला क्षय रोग अधिकारी ( डीटोओ) व अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि शासन स्तर से वर्ष 2019, 2020 तथा 2021 के निजी एवं सरकारी क्षेत्र के सभी क्षय रोगियों की जियो टैगिंग करते हुए उनका लोकेशन अपडेट करने का निर्देश प्राप्त हुआ।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में 3149, वर्ष 2020 में 2332 तथा वर्ष 2021में 1435 टीबी रोगी पंजीकृत हैं। जिसके क्रम में जियो टैगिंग का काम शुरू कर दिया गया है। यह काम आगामी 10 जुलाई तक चलेगा।

उन्होंने बताया कि जियो टैगिंग से पता चल जाएगा कि किस क्षेत्र या गांव में टीबी रोगियों की सघनता ज्यादा है। ताकि टीबी रोगी खोजी अभियान के दौरान उस क्षेत्र को विशेष फोकस किया जा सके।

जियो टैगिंग में जुटे 15 स्वास्थ्य कर्मी

डीटोओ ने बताया कि टीबी मरीजों के जियो टैगिंग में 15 कर्मचारी लगाए गए हैं, इनमें 11 सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर ( एसटीएस) तथा चार टीबी स्वास्थ्य परिदर्शक( टीबीएचवी) शामिल हैं।

टीबी मरीजों का वर्षवार विवरण

वर्ष–सरकारीअस्पताल—निजी
2019——2844———-305
2020——2091——–242
2021——1245——-190

2150 टीबी मरीजों की हो चुकी जियो टैगिंग

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि बीते 29 जून तक करीब 2150 टीबी रोगियों की जियो टैगिंग हो चुकी है। सभी के लोकेशन निक्षय पोर्टल पर दर्ज कर लिया गया है। आगामी दस जुलाई तक सभी मरीजों का लोकेशन पोर्टल पर दर्ज कर दिया जाएगा।

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