मोदी सरकार अब असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को पेंशन के रूप में वित्तीय मदद प्रदान करने की प्लानिंग कर रही है। इसके लिए सरकार ‘दान पेंशन’ मिशन को चलाने की तैयारी कर रही है।
इसमें मजदूरों को इस पेंशन के लिए स्वेच्छा से योगदान करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। यह मिशन ‘गिव इट अप’ अभियान का हिस्सा होगा, जिसके अंतर्गत लोगों को जरूरतमंदों के लिए रसोई गैस की सब्सिडी छोड़ने के लिए प्रेरित किया गया था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ‘पेंशन दान करें’ अभियान से एक शख्स को प्रति कर्मचारी सिर्फ 36 हजार रुपये खर्च करने की संभावना है। यह प्रधान मंत्री श्रम योगी मानधन (पीएम-एसवाईएम) योजना के अंतर्गत एकमुश्त भुगतान है, जो कार्यकर्ता द्वारा अपने पूरे जीवन के दौरान किए गए मासिक योगदान की भरपाई करेगा।
इस स्कीम के अंतर्गत लाभार्थी 60 वर्ष की उम्र से तीन हजार रुपए मासिक पेंशन के लिए पात्र होगा। रिपोर्ट के अनुसार शीर्ष सरकारी अफसरों ने बताया है कि श्रम मंत्रालय इस संबंध में उच्च स्तरीय विचार के लिए एक प्रस्ताव तैयार कर रहा है।