गोरखपुर के Asif Syed ने मुंबई की एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में बनाई अलग पहचान, युवाओं के लिए बने प्रेरणा

img

मुंबई की एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री (Entertainment Industry) में काम करने का ख्वाब अक्सर कई युवा देखा करते है, लेकिन हर किसी को  ऐसा मौका हासिल नहीं हो पाता है, ऐसे में गोरखपुर जिले से करीब 60 किलोमीटर दूर एक ग्रामीण क्षेत्र कुराँव से निकल कर सपनो की नगरी में आसिफ सैय्यद (Asif Syed) का अपना पैर जमा लेना हर उस युवा को प्रेरित कर सकता है, जो रेडियो, टीवी, लेखन और डायरेक्शन जैसी चीज़ों में अपनी पहचान बनाना चाहता है. ऐसे में उनकी ज़िन्दगी के सफ़र के बारे में जानकर आप बहुत कुछ सीख सकते हैं, जिसको उन्होंने साझा किया है.

Asif Syed

कैसे शुरू हुआ सफ़र

अपने सफर की शुरुआत को लेकर आसिफ सैय्यद (Asif Syed) का कहना है “ मेरा मानना है कि सफ़र की शुरुआत जब होती है, तब हमें उस बात की खबर ही नहीं होती, लेकिन जब हम मुड़ कर पीछे देखते हैं, तब पता चलता है कि शुरूआती कदम कहाँ रखे थे. इस लिहाज़ से जब मैं मुड़ कर देखता हूँ, तो मुझे मेरे अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के दिन याद आते हैं, जहाँ मैं थिएटर की दुनिया में शामिल हुआ था. हालांकि स्टेज पर शो मैंने स्कूल के वक़्त भी किया था, लेकिन सही मायने में इस कला को समझना और सीखना मैंने यूनिवर्सिटी के ड्रामा क्लब में शुरू किया.  जहाँ एक्टिंग के साथ ही साथ लिखने और डायरेक्शन की भी शुरूआत हुई. किस्सों को कहानियों में कैसे बदलते हैं, वो सीखा”.

एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री (entertainment industry) के लेखक ने बताया कि “इन सभी चीज़ों को सीखने के बाद मुंबई आने का फैसला मेरे लिए सबसे अहम रहा. यहाँ आकर एक रेडियो स्टेशन में नौकरी लग गई, जिसके पीछे लिखने की समझ का होना भी एक बड़ी वजह रही. ऑडियो या आवाज़ की दुनिया में कहानियाँ किस तरह से सामने रखी जाती है, यह रेडियो में काम करते हुए ही सीखा और उन्हीं कहानियों को वीडियो में कैसे बदला जाए यह समझ भी वक्त के साथ आ गई. फिर वहीँ से टीवी, रियलिटी शो, पॉडकास्ट के लिए कहानियां लिखनी की. लिखने के दौरान ही डायरेक्शन की भी समझ आती चली गई और उसमें भी हाथ आज़माना शुरू कर दिया, अब इसी तरह से सीखते हुए आगे का सफर जारी रखने की कोशिश चलती रहेगी”. (Asif Syed)

किस तरह की मुश्किलें आई सामने

आसिफ (Asif Syed) का मानना है कि मुश्किलें तो हमारी ज़िन्दगी का हिस्सा हुआ करती हैं, इसलिए उनका होना भी ज़रूरी है, उन्होंने बताया कि मेरे लिए मुंबई में आने का फैसला बड़ा जोश भरा था, लेकिन इस शहर में बने रहने के लिए होश से काम लेना पड़ता है. इसके साथ उन्होंने कहा कि सामने आए मौकों पर खरा उतरना पड़ा और साथ ही अपने लिए नए मौके बनाने पड़े.

अलीगढ यूनिवर्सिटी के छात्र रहे आसिफ (Asif Syed) बताते है कि “मुंबई शहर में रहने की मुश्किलें कितनी हैं, इसकी कहानियां हम सब ने सुनी ही होंगी और फिल्मों में भी देखा होगा. तो उस मुश्किल का सामना मुझे भी करना पड़ा लेकिन शायद मैं थोडा किस्मत वाला रहा, जिसकी वजह से यह परेशानी इतनी बड़ी नहीं महसूस हुई. आसिफ आगे बताते है कि अपने काम को सही तौर पर करने से ज्यादा मुश्किल, उस काम को सही लोगों तक पहुँचाना रहा, जिससे वो मेरे काम को समझ सके और नए मौकें दें.

ऐसे में आसिफ (Asif Syed) का कहना है कि “नौकरी मिलने में परेशानी नहीं आई लेकिन उसके दौरान अपनी लेखन को बनाये रखना थोड़ा मुश्किल भरा रहा. पैसों की किल्लत एक बड़ी परेशानी बन जाती है और इसलिए मैंने हमेशा सबसे यही कहता हूँ की इस शहर में आना बड़ी बात नहीं है, लेकिन यहाँ बने रहना बड़ी बात है, जिसके लिए पैसों का होना और उसे सोच समझ कर इसका इस्तेमाल करना बेहद ज़रूरी हो जाता है”.

करियर का सबसे खुशनुमा पल

अपने करियर के सबसे खुशनुमा पल के बारे में आसिफ (Asif Syed) का जवाब हर सीखने वाले को प्रेरित कर सकता है. उनका कहना है कि “इस सवाल का जवाब थोडा मुश्किल है क्योंकि हर नया काम, हर नया प्रोजेक्ट, हर नई कहानी मुझे बेहद ख़ुशी देती है. खासतौर पर जब लोग मेरी कहानियों और मेरे किरदारों की तारीफ करते हैं, उनसे जुड़ा हुआ महसूस करते हैं, उन्हें और सुनना चाहते हैं, ऐसे सभी पल मेरे लिए बेहद खुशनुमा होता है. लेकिन अगर अब तक के सफ़र में मेरे लिए किसी एक पल की बड़ी अहमियत रही है, तो वो कुछ ऐसा है जब मुझे पता चला कि मेरी लिखी हुई कहानियां सदी के महानायक अमिताभ बच्चन जी पढेंगे.

‘Kaali Awaazein’ नाम के शो में अमिताभ बच्चन के साथ काम करने का मौका मिला, जो शायद बेहद  ख़ुशी वाला पल था. उसके बाद भी इंडस्ट्री के कई बेहतरीन कलाकारों के साथ काम करने का मौका मिला . खासतौर पर 9xm के एक शो Bakwaas Band Kar के ज़रिये. जहाँ एनिमेटेड किरदार Chotte aur Bade बॉलीवुड के सेलिब्रिटीज से कॉमेडी करते हैं. उसकी कॉमेडी स्क्रिप्ट लिखते वक़्त भी एक अजीब किस्म की ख़ुशी का एहसास होता है’.

क्या है आगे का प्लान

इंडस्ट्री (entertainment industry) में अपने फ्यूचर प्लान को लेकर आसिफ (Asif Syed) का कहना है “ आगे का प्लान तो सिर्फ ऊपर वाला ही जानता है, सिर्फ मेरा ही नहीं पूरी दुनिया का फ्यूचर प्लान तो सिर्फ ऊपर वाला जानता है , मैं तो बस नई चीज़ों को सीखने की अपनी कोशिश में जुटा रहता हूँ, जैसे कि फिलहाल मैं काफी ऑडियो पॉडकास्ट Spotify और Audible जैसी एप्स के लिए बना रहा हूँ और इसके साथ ही वीडियो प्लेटफार्म के लिए वेब सीरीज लिख रहा हूँ. उन्होंने यह भी कहा कि ऊपर वाले ने चाहा तो बहुत जल्द उनकी लिखी फीचर फिल्म भी वो सबके सामने पेश करेंगे. जिसे आप सभी का प्यार चाहिए.

इस फील्ड में आने का खवाब रखने वालो के लिए एक मैसेज

एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री (entertainment industry) में आने का ख्वाब रखने वालों पर बात करते हुए आसिफ (Asif Syed) कहते है” मैं खुद को कोई मैसेज और ज्ञान देने लायक नहीं समझता, हालांकि जो भी सफ़र मैंने अभी तक तय किया है, उसको सबके साथ साझा ज़रूर कर सकता हूँ और जितना मैंने एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को अभी तक समझा है, मेरे ख्याल से अपने काम को बेहतर करते रहना ही सबसे ज़रूरी है.

उनका कहना है कि कहानियां लिखना भी एक तरह से किसी भी काम की प्रैक्टिस करने के बराबर ही है, जहाँ आप हर दिन कुछ लिखना, कुछ नया सोचना, कुछ नया क्रिएट करना ज़रूरी है, जिससे आप अपनी इमेजिनेशन को बेहतर बना सके. अपने काम को बेहतरीन तरीके से करने के साथ ही साथ खुद को सही तरीके से पेश करना भी बेहद ज़रूरी है. सही मौका मिलने पर उसका इस्तेमाल करना, अपनी कल्पना को, अपनी कहानी को, अपनी सोच को सामने वाले को समझाना बेहद ज़रूरी है और कई बार लोग इसमें ही गलतियाँ कर देते हैं.

अगर आप Asif Syed से अपने विचार शेयर करना चाहते या उनके आने वाले प्रोजेक्ट्स के बारे में जानना चाहते हैं, तो आप  आप उनके नाम पर क्लिक कर उन्हें सोशल मीडिया पर फॉलो कर सकते हैं. 

Related News