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Up Kiran, Digital Desk: अयोध्या, श्रीराम नगरी, अब एक और ऐतिहासिक पहल के लिए तैयार है। राम मंदिर परिसर में जल्द ही एक रामायण-थीम वाला मोम संग्रहालय बनकर तैयार होगा, जहाँ श्रद्धालु और पर्यटक महाकाव्य रामायण के अमर प्रसंगों को जीवंत रूप में देख सकेंगे।

उत्तर प्रदेश सरकार ने जानकारी दी है कि इस अनोखे संग्रहालय का उद्घाटन दीपोत्सव 2025 के दौरान किया जाएगा।

संग्रहालय की भव्यता

यह संग्रहालय 10,000 वर्ग फुट क्षेत्र में तैयार किया जा रहा है।

इसमें लगभग 50 जीवंत मोम की मूर्तियाँ होंगी, जिनमें भगवान राम, माता सीता, भगवान लक्ष्मण, हनुमान, सुग्रीव और जटायु जैसी प्रमुख रामायण पात्रों को प्रदर्शित किया जाएगा।

हर मूर्ति को ऐतिहासिक प्रामाणिकता और बारीकी के साथ तैयार किया जा रहा है।

रामायण के जीवंत प्रसंग

संग्रहालय में दर्शक इन प्रमुख घटनाओं को कलाकारों की सृजनात्मकता और आधुनिक तकनीक के मेल से अनुभव कर सकेंगे:

सीता हरण

राम-रावण युद्ध

हनुमान की लंका यात्रा

राम सेतु निर्माण

यह अनुभव विशेष ऑडियो-विजुअल इफेक्ट्स और इंटरैक्टिव डिस्प्ले के जरिए और भी यादगार बनेगा।

परियोजना और निवेश

अब तक इस भव्य परियोजना में लगभग 7.5 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।

महाराष्ट्र और केरल के विशेषज्ञ मिलकर मोम की शानदार मूर्तियाँ तैयार कर रहे हैं।

परियोजना का विकास PPP (सार्वजनिक-निजी भागीदारी) मॉडल के तहत हो रहा है।

अयोध्या का बढ़ता वैश्विक महत्व

योगी आदित्यनाथ सरकार अयोध्या को वैश्विक धार्मिक-सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए लगातार परियोजनाएँ चला रही है।

सरयू घाट का सौंदर्यीकरण

सड़क चौड़ीकरण और आधारभूत संरचना का विस्तार

दीपोत्सव पर लाखों दीपों की जगमग दुनिया भर में रिकॉर्ड व आकर्षण का केंद्र बनी है।

संभागीय आयुक्त राजेश कुमार ने कहा – “मोम संग्रहालय अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत को नया आयाम देगा और श्रद्धालुओं को महाकाव्य रामायण का गहन अनुभव कराएगा।”

क्यों खास है यह मोम संग्रहालय?

रामायण के प्रसंगों को जीवंत रूप में अनुभव करने का मौका
धार्मिक पर्यटन के साथ सांस्कृतिक टूरिज्म को बढ़ावा
अयोध्या को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक संस्कृति और आस्था का ग्लोबल सेंटर बनाने की दिशा में बड़ा कदम

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