थोड़ी भूल चूक होने पर बच्चों को थप्पड़ जड़ देना, तेज आवाज से डांट देना कई हिंदुस्तानी मां बाप के लिए आम है. उन्हे लगता है कि इससे उनके बच्चे पढ़ाकू और अनुशासन में रहना सीख जाएंगे और बुर आदतें नहीं अपनाएंगे। किंतु विशेषज्ञ इस तरह की पैरेंटिंग के पक्ष में नहीं हैं. उनका कहना है कि मम्मी पापा को पैरेंटिंग का एक पॉजिटिव उपाय अमल में लाना चाहिए जिसमें बच्चों को सजा देना शामिल नहीं होना चाहिए।
विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों को मेंटली या फिजिकली किसी भी तरह की सजा देना उन्हें गुस्सैल और अक्खड़ बनाता है। सजा देने से बच्चा एक ही मिस्टेक जानबूझकर बार-बार करने लगता है.
पढ़ाई लिखाई में मन ना लगना वगैरह वगैरह हरकतों पर माता-पिता का बच्चों को सजा देना बच्चों के मानसिक सेहत पर काफी बुरा असर डालता है।
यदि आपका बच्चा कोई मिस्टेक करता है तो उसे समझाएं कि क्या सही है और गलत करने के नीतजे क्या हो सकते हैं. बच्चे को सही-गलत की शिक्षा दें और खुद भी वैसा ही बनने का प्रयास करें। पढ़ाई का जोर ना डाले।
--Advertisement--