आपको यह जानकर हैरानी होगी कि यहां के लोग काला बच्चा पैदा करने के लिए जानवरों का खून पीते हैं। यहां मान्यता है कि अगर गर्भवती महिला को खूल पिलाया जाए तो बच्चे का रंग गहरा हो जाता है और वो पैदा ही काला होता है।
वहीं, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इनकी आबादी करीब 400 है। ये ट्राइब्स अंडमान आइलैंड के नॉर्थ इलाके में रहती है। माना जाता है कि जारवा जनजाति 55 हजार साल से यहां रहती है, लेकिन 1990 में पहली बार बाहरी दुनिया के संपर्क में आई थी।
जारवा जनजाति में नवजात को समुदाय से जुड़ी सभी महिलाएं स्तनपान कराती हैं। इसके पीछे जनजाति की मान्यता है कि इससे समुदाय की शुद्धता और पवित्रता बनी रहती है। जारवा ट्राइब्स इलाकों में विदेशी या बाहरी लोगों के आने पर बैन है।
55 हजार साल पुरानी इस जनजाति का बाहरी दुनियां से कोई कनेक्शन नहीं होता हैं। ये अभी भी जंगलों के बीच जंगली मानव की तरह जीवन व्यापन करते हैं। इन्हें तो शायद यह भी नहीं पता हैं कि इनके इलाके के बाहर क्या क्या चीजें चल रही हैं। ये अपनी ही दुनियां में मस्त रहते हैं।