उत्तराखंड: नदियों में मशीनों से खनन किये जाने के मामले में हाईकोर्ट ने दिए ये निर्देश

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नैनीताल, 31 जुलाई। हाईकोर्ट ने प्रदेश की नदियों में मशीनों के जरिये हो रहे अनियंत्रित खनन और खनन नीति के विरुद्ध खनन किये जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता को दो सप्ताह के भीतर प्रतिशप‌थपत्र पेश करने के निर्देश दिए हैं। मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रविकुमार मलिमथ एवं न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ के समक्ष हुई।

naintal high court

मामले के अनुसार हल्द्वानी निवासी दिनेश चंदोला ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि 13 मई, 2020 को अपर मुख्य सचिव द्वारा प्रदेश की नदियों में खनन हेतु मशीनों के प्रयोग के लिए अनुमति दी गयी है, जो 2017 की खनन नियमावली के विपरीत है। याचिका में कहा गया है कि 2017 कि नियमावली में व्यवस्था दी गई है कि नदियों में चुगान हेतु मशीनों के प्रयोग की अनुमति नही होगी।‌ इसके बावजूद सरकार ने इस नियमावली के विपरीत जाकर मशीनों के प्रयोग हेतु अनुमति दे दी, जो नियमावली के विरुद्ध है।

याचिकाकर्ता का कहना ‌था कि मशीनों का प्रयोग करने से नदियों के प्रवाह को मोड़ दिया गया है, जिससे आबादी वाले क्षेत्रों में बरसात में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो रही है। याचिका में कहा गया है कि पानी का स्तर नीचे चला गया है और पर्यावरण को भी भारी नुकसान हो रहा है। याचिकाकर्ता की ओर से मशीनों के प्रयोग पर रोक लगाई जाने की मांग की गई थी। पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को दो सप्ताह के भीतर प्रतिशप‌थपत्र पेश करने के निर्देश दिए।

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