बाबा रामदेव को हाई कोर्ट की नसीहत: कहा- अपनी दवा के प्रचार से हमें कोई परेशानी नहीं, मगर॰॰॰

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नई दिल्ली॥ चिकित्सकों को लेकर अपने आपको देश का सबसे बड़ा वैध मानने वाले बाबा रामदेव के द्वारा दिए गए बयान के मामले में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (DMA) की अर्जी पर सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा ये इंसान की अपनी व्यक्तिगत राय है इस मामले पर केस करने का क्या औचित्य है?

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कोर्ट ने कहा कि क्या एलोपैथी इतनी कमजोर विज्ञान है कि किसी के बयान देने पर कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी जाए? वहीं इस मामले में कोर्ट ने बाबा रामदेव को भी हिदायत दी और कहा कि आप कोरोनिल का प्रचार करें, कोई दिक्कत नहीं है, पर एलोपैथी को लेकर इस प्रकार के बयान देने से बचें।

योग गुरू के द्वारा एलोपैथी के डॉक्टरों के विरूद्ध भाषण के मामले में दिल्ली कोर्ट ने रामदेव के वकील को नसीहत देते हुए कहा कि वह अपने मुवक्किल से कहें कि भविष्य में एलोपैथी के संबंध में इस प्रकार का कोई बयान न दें।

योग गुरू के वकील ने कहा कि वो एक सम्मानित व्यक्ति हैं। अदालत के आदेश का उनके मुवक्किल सम्मान करेंगे। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में हम कोई भी आदेश जारी नहीं कर रहे हैं। उन्हें पूरी उम्मीद है कि भविष्य में उनके उनके क्लाइंट इस तरह के कोई बयान नहीं जारी करेंगे। दिल्ली कोर्ट ने कोरोनिल के बारे में दिए गए बयान पर कहा कि हम इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं करेंगे।

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