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कुछ लोगों के लिए यह नजारा किसी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के बस्तर क्रिकेट ग्राउंड का है, जिसे ना तो सरकार ने बनवाया और न ही किसी क्रिकेट अकादमी ने, इसे बनवाया है बस्तर के कालीपुर में रहने वाले प्रदीप गुहा ने जो अब एक इंस्टीट्यूट बन चुका है, स्टेडियम कोलकाता के ईडन गार्डन की तर्ज पर बना है, जिसे बनाने में करीब तीन साल का समय लगा।

प्रदीप गुहा ने कहा कि पहले मैं भी अपने समय में जो था प्लेयर था उसमें से मैच खेलते थे हम लोग। पर हम लोग पास सुविधाएं नहीं थे। अच्छे प्लेयर होने के बावजूद बस्तर से ऐसे खिलाड़ी थे जिनको राष्ट्रीय स्तर पर मौका नहीं मिल पाया। मेरा बेटा भी अच्छा क्रिकेट खेलता था, लेकिन उसे खेलने के लिए बस्तर जिला से कहीं भी अच्छा स्टेडियम नहीं था जिसमें वो अपने बच्चों को प्रैक्टिस करा सकूं।

उन्होंने आगे कहा कि मैंने सोचा कि जब अपने खुद के जमीन पड़ा है तो क्यों परेशान हो। अपनी जमीन पर स्टेडियम बनाने का विचार आया और तीन साल से मैं इसको बना रहा हूं। लगभग 90 परसेंट काम हो चुका है। 20 परसेंट बाकी 10 परसेंट अभी बाकी है। राष्ट्रीय स्तर का मैदान माना जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हम लोग बना रहे हैं। क्योंकि जो सर्कल बाउंड्री हमारा 30 यार्ड का सर्कल होता है, 65 मीटर का जो बाउंड्री है, यह अंतरराष्ट्रीय ग्राउंड के हिसाब से बनाया गया है। अभी 40 बच्चे ट्रेनिंग लेने आ रहे हैं।

 

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