विधानसभा चुनाव 2022 से पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा को करारा झटका दिया है। दरअसल, उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा देकर सपा में ज्वाइन कर ली है। तो वहीं अब चर्चाएं की जा रही हैं कि इससे चुनाव में बीजेपी को कितना नुकसान और सपा को कितना फायदा होगा।
जानकारी के मुताबिक, स्वामी प्रसाद मौर्य पिछड़ों के बड़े नेता बताए जाते हैं। जिससे चुनाव में अखिलेश यादव को बहुत ज्यादा फायदा हो सकता है। तो वहीं इसके विपरीत भारतीय जनता पार्टी को नुकसान हो सकता है।
आपको बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य के योगी कैबिनेट पद छोड़ने के बाद भारतीय जनता पार्टी में हड़कंप मच गया है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर उन्हें मनाने का प्रयास भी किया।
गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्य कुशीनगर के पडरौना से एमएलए हैं। हालांकि उनका असर रायबरेली के ऊंचाहार, शाहजहांपुर व बदायूं तक बताया जाता है, जहां से उनकी बेटी संघमित्रा मौर्य लोकसभा की सदस्य हैं। यादव व कुर्मी के बाद मौर्य ओबीसी समाज की तीसरी बड़ी जाति बताई जाती है जिससे स्वामी मौर्य आते हैं। इनमें काछी, मौर्य, कुशवाहा आदि जैसे उपनाम होते हैं। मौर्य जनसंख्या राज्य में 6% के लगभग बताई जाती है। ऐसे में 100 सीटों तक प्रभाव हो सकता है।