राजस्थान में कोविड-19 की थर्ड वेव के खतरे के मध्य राहत की खबर है। गहलोत सरकार द्वारा हाल ही में 14 जनपदों में किए गए सीरो सर्वे में 90% से अधिक लोगों में कोरोना से लड़ने के लिए एंटीबॉडी पाए गए हैं।
टीकों की दोनों डोज लेने वालों में एंटीबॉडी का स्तर 91 फीसद था और जिन लोगों को वैक्सीन नहीं मिली उनमें प्राकृतिक एंटीबॉडी का स्तर 74ज्ज्ञ तक पाया गया। इस शोध रिपोर्ट से पता चलता है कि राजस्थान अब हर्ड इम्युनिटी की तरफ बढ़ रहा है।
मेडिकल कॉलेज के डॉ. सुधीर भंडारी के अनुसार, लगभग 17,000 लोगों पर यह सर्वे किया गया, जिसमें हर क्लास के लोग शामिल थे. शहरी इलाकों में 91 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 89 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी का स्तर बहुत बढ़िया है।
हेल्थ केयर वर्कर्स, फ्रंट लाइन वर्कर्स में भी 90 प्रतिशत तक एंटीबॉडी का स्तर पाया गया है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि एंटीबॉडीज विकसित होने का मतलब यह नहीं है कि हम लापरवाह हो जाएं। एंटीबॉडी विकसित करने का मतलब यह नहीं है कि आपको कोरोना नहीं हो सकता। कोरोना नियमों का सख्ती से पालन करने और बहुत ज्यादा अलर्ट रहने की जरूरत है।